ट्रैक्टर के लिए पैसे नहीं थे, 18 साल के इस युवक ने पुरानी बाइक से बना दी जुगाड़ू मशीन

ट्रैक्टर के लिए पैसे नहीं थे, 18 साल के इस युवक ने पुरानी बाइक से बना दी जुगाड़ू मशीन

गरीबी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती जिसे कुछ कर गुजरने का जज्बा हो. ऐसा ही वाकया गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में देखने को मिला है. एक गरीब युवक ने पुरानी बाइक के इंजन और लोहा-लक्कड़ को जोड़कर मिनी ट्रैक्टर बना दिया. जिस घर में बैल नहीं थे, वहां अब ट्रैक्टर से खेती हो रही है.

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ट्रैक्टर के लिए पैसे नहीं थे, 18 साल के इस युवक ने पुरानी बाइक से बना दी जुगाड़ू मशीनपुराने लोहा-लक्कड़ से नंदीश नायक ने बनाया मिनी ट्रैक्टर

कुछ करने का जज्बा हो तो बड़ा-बड़ा काम आसानी से हो सकता है. इस तरह का जज्बा हो तो रुपये-पैसे की तंगी भी आड़े नहीं आती. ऐसा ही कुछ हुआ है गुजरात के एक आदिवासी इलाके में. यहां गरीबी और घोर निर्धनता में पले-बढ़े सिर्फ सातवीं तक पढ़े एक 18 साल के युवक ने कमाल कर दिखाया है. इस युवक के परिवार में इतने पैसे नहीं थे जो ट्रैक्टर खरीदा जा सके. लेकिन इस युवक ने जिंदगी से हार नहीं मानी और खेती करने के लिए अपना जुगाड़ लगाकर पुरानी बाईक के इंजन से ट्रैक्टर बना लिया. घर में बेकार पड़े सामानों को जोड़कर इस युवक ने महज 30 हजार रुपये की लागत से मिनी ट्रैक्टर बना दिया, जो अब खेती में काम आ रहा है.

आपने यह बात तो जरूर सुनी होगी कि अपने देश में जुगाड़ू लोगों की कमी नहीं है. अपनी कोई समस्या का उपाय वे जुगाड़ कर समस्याओं या दिक्कतों का निवारण कर देते हैं. ऐसा ही जुगाड़ गुजरात के छोटा जयपुर जिले में एक युवक ने किया है. इस युवक ने सिर्फ 30 हजार रुपये खर्च कर छोटा सा ट्रैक्टर जुगाड़ करके बना लिया है. अब इस ट्रैक्टर से आसानी से खेती हो रही है. खास बात ये कि उन गरीब किसानों को भी मदद मिल रही है जिन तक ट्रैक्टर की पहुंच नहीं थी. इस युवक की कमाई भी पहले से बढ़ गई है क्योंकि भाड़े पर ट्रैक्टर से खेती का काम हो रहा है.

गरीबी में काम आया जुगाड़

गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में सिर्फ सातवीं कक्षा तक पढ़े नंदीश नायक नाम के युवक ने यह कमाल किया है. उनकी ड़ेढ़ साल की कड़ी महेनत के बाद बाइक के पुराने इंजन से ट्रैक्टर बनाया गया है. नंदीश ने बेकार पड़े सामानों से खुद के दम पर अपना छोटा सा ट्रैक्टर बना लिया है. नंदीश नायक का कहना है कि उसने सातवीं तक ही पढ़ा है, लेकिन उसके घर में गरीबी थी. घर में इसके चलते खेती करने में दिक्कतें आ रही थीं. नंदीश के पास पास बैल भी नहीं थे. 

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इस भारी समस्या से निजात पाने के लिए नंदीश नायक अपने घर में पड़ी छोटी-मोटी चीजों से ट्रैक्टर बनाने का सोच रहा था. ट्रैक्टर खरीदना भारी पड़ता, इसलिए बेकार पड़े सामानों पर जुगाड़ लगाना शुरू किया. इसमें एक पुरानी बाइक काम आ गई. उसने अपना खुद जुगाड़ लगाया और अपनी पुरानी बाइक से इंजन निकाल लिया. घर में पड़े पुराने लोहा-लक्कड़ को जोड़ना शुरू किया. बेकार सामानों को वेल्डिंग कर जोड़ना शुरू किया. इस तरह नंदीश की बाइक एक छोटे ट्रैक्टर में बदल गई. पहले उस ट्रैक्टर में रिवर्स गियर का जुगाड़ फिट नहीं हो रहा था. इसे भी दिमाग लगाकर बना लिया क्योंकि खेती में रिवर्स गियर का बहुत रोल है, खासकर ट्रैक्टर में.

हैरत में हैं इंजीनियर

नंदीश के इस मिनी ट्रैक्टर की चर्चा चारों ओर है. उसका मिनी ट्रैक्टर पेट्रोल से चल रहा है क्योंकि बाइक से जोड़कर उसे बनाया गया है. ट्रैक्टर में पेट्रोल भरने के लिए प्लास्टिक की बोतल लगाई गई है. इससे इंजन में पेट्रोल सप्लाई किया जाता है. नंदीश के इस प्रयोग से घर वालों के साथ गांव वाले भी बहुत खुश हैं. गांव वालों का कहना है कि नंदीश बचपन से ही होनहार था, लेकिन गरीबी के चलते वह पढ़ नहीं पाया. अगर पढ़ाई की सुविधा मिली होती तो वह आज अच्छा ऑटोमोबाइल इंजीनियर होता. नंदीश नायक के इस युवक ने सिर्फ सातवीं कक्षा तक ही पढ़ा है और उसकी उम्र महज 18 साल है. लेकिन उसका काम आज कई इंजीनियरों के लिए नजराना बन गया है.(रिपोर्ट नरेंदर पेपरवाला)

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