किसान ने स्थानीय स्तर पर हर्बल जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर थन सूजन की दवा बनाई थी. इस दवा को संक्रमित हिस्से पर लगाने के बाद बेहद अच्छा प्रभाव देखा गया. बाद में उन्होंने इस दवा का ज्ञान नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को दिया जिसकी दवा राकेश फार्मास्युटिकल ने तैयार की है. हालांकि इसका पेटेंट किसान समर्थभाई देवगानिया के पास ही है.
गरीबी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती जिसे कुछ कर गुजरने का जज्बा हो. ऐसा ही वाकया गुजरात के छोटा उदयपुर जिले में देखने को मिला है. एक गरीब युवक ने पुरानी बाइक के इंजन और लोहा-लक्कड़ को जोड़कर मिनी ट्रैक्टर बना दिया. जिस घर में बैल नहीं थे, वहां अब ट्रैक्टर से खेती हो रही है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today