हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य में एग्रीस्टैक परियोजना को लागू करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण और राजस्व विभाग के अधिकारियों को किसानों के परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) को लैंड रिकॉर्ड से जोड़ने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने यह निर्देश बुधवार को चंडीगढ़ में एग्रीस्टैक के विकास के लिए बनाई गई संचालन समिति की बैठक के दौरान दिए. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के रणनीतिक सलाहकार (स्ट्रेटेजिक एडवाईजर) तथा चीफ नॉलेज आफिसर राजीव चावला भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए.
गौरतलब है कि एग्रीस्टैक एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र है जो डिजिटल सेवाओं के माध्यम से किसानों को खेती करने और उच्च रिटर्न सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, किसानों को डिजिटल सेवाओं के वितरण की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है. कौशल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को 31 मार्च, 2023 तक राज्य भर में गांवों के भू-संदर्भ और जीआईएस आधारित रीयल टाइम फसल सर्वेक्षण का काम पूरा करने का निर्देश दिया.
कौशल ने अधिकारियों को ई-गिरदावरी अप्लिकेशन को अपग्रेड करने का निर्देश दिया ताकि उसमें डिजिटल कैडस्ट्राल मैप और क्षेत्र की तस्वीरों को शामिल किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति के दौरान फसल क्षति आकलन के वास्तविक आंकड़े तक पहुंचने के लिए ऐप को अपग्रेड किया जाना चाहिए. इससे किसानों को मदद मिलेगी.
राज्य भर में वास्तविक किसान लाभार्थियों को कृषि योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए कौशल ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भू-अभिलेखों के डेटा में अधिक सटीकता लाने के लिए पटवारियों की सहायता करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को आरओआर, लैंड म्यूटेशन और किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने का भी निर्देश दिया.
बैठक में बताया गया कि राज्य के 19.9 लाख किसानों में से वर्तमान में लगभग 12.8 लाख किसानों का डेटा मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर उपलब्ध है. इससे काफी मदद मिलेगी. ड्रोन डेटा और कोर्स (CORS) का उपयोग करके सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा राज्य में गांव के नक्शे का भू-संदर्भ लिया जा रहा है. बैठक में अतिरिक्त राजस्व और आपदा प्रबंधन के मुख्य सचिव, वीएस कुंडू, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.उमाशंकर, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा तथा बागवानी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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