
घर में गार्डनिंग करने वाले ज्यादातर लोग एक गलती जरूर करते हैं. जैसे ही पौधा सूखता है या गमले में मिट्टी सख्त हो जाती है, वे पूरी मिट्टी फेंक देते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि गमले की पुरानी मिट्टी को थोड़ी सही देखभाल और कुछ आसान स्टेप्स से दोबारा बिल्कुल नई जैसी बनाया जा सकता है. इससे न सिर्फ पैसे बचते हैं, बल्कि पौधों को भी बेहतर पोषण मिलता है. पुरानी मिट्टी दरअसल खराब नहीं होती, बल्कि समय के साथ उसमें पोषक तत्व कम हो जाते हैं और हवा-पानी का वेंटीलेशन रुक जाता है. ऐसे में जरूरत होती है उसे फिर से जीवित करने की.
पुरानी मिट्टी को दोबारा इस्तेमाल करने से गार्डनिंग का खर्च कम होता है और पर्यावरण को भी फायदा मिलता है. सही तरीके से तैयार की गई मिट्टी में पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फूल-फल भी अच्छे आते हैं. इसलिए अगली बार गमले की मिट्टी फेंकने से पहले इन तीन आसान स्टेप्स को जरूर आजमाएं.
सबसे पहले गमले की पुरानी मिट्टी को धूप में फैला दें. उसमें मौजूद सूखी जड़ें, पुराने पत्ते, कंकड़ और कीड़े-मकोड़े निकाल दें. अगर मिट्टी में फफूंद या बदबू है तो इसे 2–3 दिन तेज धूप में रखने से काफी हद तक समस्या दूर हो जाती है. चाहें तो मिट्टी को हाथ से मसलकर ढेले भी तोड़ लें ताकि वह फिर से भुरभुरी बन सके.
पुरानी मिट्टी में सबसे बड़ी कमी पोषक तत्वों की होती है. इसके लिए मिट्टी में अच्छी तरह सड़ी हुई खाद मिलाना जरूरी है. आप वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद या घर की बनी किचन कम्पोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ थोड़ी सी नीम खली मिलाने से मिट्टी में कीट लगने की संभावना कम हो जाती है. अगर मिट्टी बहुत भारी है तो उसमें थोड़ी रेत या कोकोपीट मिलाना फायदेमंद रहता है.
मिट्टी को मिलाने के बाद तुरंत पौधा न लगाएं. इसे हल्का पानी देकर 4–5 दिन के लिए छोड़ दें. इससे खाद अच्छी तरह मिट्टी में घुल जाती है और गुड बैक्टीरिया दोबारा एक्टिव हो जाते हैं. इस दौरान मिट्टी को ज्यादा गीला न रखें, बस हल्की नमी बनी रहे. कुछ दिनों बाद यह मिट्टी पौधों के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है.
हर 2–3 महीने में गमले की मिट्टी को हल्का ढीला करते रहें. इससे जड़ों तक हवा पहुंचती रहती है. एक ही मिट्टी में बार-बार केमिकल खाद डालने से बचें, क्योंकि इससे मिट्टी की सेहत खराब होती है. अगर किसी पौधे में बीमारी रही हो, तो उस मिट्टी को दोबारा इस्तेमाल करने से पहले धूप में अच्छे से सुखाना बहुत जरूरी है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today