गुजरात के एक किसान का कमाल देखिए कि उसकी सूझबूझ से ऐसी सस्ती दवा तैयार की गई है जो दुधारू मवेशियों में होने वाली गंभीर बीमारी थन सूजन का अचूक इलाज कर कर सकती है. यह दवा पूरी तरह से हर्बल है और इस्तेमाल करने में भी आसान. यह दवा मरहम के रूप में बनाई गई है जिसका नाम है मस्टीरेक जेल. गुजरात के जिस किसान के स्वदेशी ज्ञान के आधार पर यह दवा तैयार की गई है उनका नाम है बेचरभाई समर्थभाई देवगानिया. इस किसान के स्वदेशी ज्ञान प्रणाली का उपयोग करते हुए सरकारी संस्था नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने मस्टीरेक जेल तैयार किया है. यह जेल दुधारू पशुओं में थन सूजन बीमारी ठीक करने वाली पॉली हर्बल और सस्ती दवा है.
थन सूजन या मास्टिटिस एक आम संक्रामक बीमारी है, जो दूध की क्वालिटी में गिरावट लाने के कारण उत्पादकता को प्रभावित करती है और इस प्रकार किसानों की आय को भी प्रभावित करती है. इस बीमारी से संक्रमित पशुओं का एंटीबायोटिक दवाओं से उपचार लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है. इस जेल को वेटनरी की दुकानों से आसानी से खरीदा जा सकता है.
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन भारत सरकार की संस्था है जो विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग के अंतर्गत काम करती है. यह फाउंडेशन किसानों के ज्ञान को बढ़ाने और उस ज्ञान का उपयोग कर कुछ नया करने-बनाने पर जोर देता है. गुजरात के किसान देवगानिया ने इस जेल को बनाने के बारे में अपना ज्ञान फाउंडेशन को दिया जिसके बाद दवा विकसित की गई.
ये भी पढ़ें: विदेशी मांग ने बढ़ाए भारतीय केले के दाम, अब इस वजह से ही मंदा पड़ा एक्सपोर्ट का कारोबार
दरअसल, किसान ने स्थानीय स्तर पर हर्बल जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर थन सूजन की दवा बनाई थी. इस दवा को संक्रमित हिस्से पर लगाने के बाद बेहद अच्छा प्रभाव देखा गया. बाद में उन्होंने इस दवा का ज्ञान नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को दिया जिसकी दवा राकेश फार्मास्युटिकल ने तैयार की है. हालांकि इसका पेटेंट किसान समर्थभाई देवगानिया के पास ही है.
यह पाया गया कि सोमैटिक सेल काउंट (एससीसी) को यह दवा कम कर सकती है और दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है. सोमैटिक सेल काउंट विश्व स्तर पर एक पैरामीटर है और इसके आधार पर ही थन सूजन बीमारी का संक्रमण देखा परखा जाता है. मस्टीरेट जेल एक पॉलीहर्बल दवा है जो थन में हानिकारक सूजन को कम करती है.
ये भी पढ़ें: Pearl Farming: कैसे होती है मोती की खेती? वीडियो में जानें बेचने से लेकर मुनाफे तक पूरी बात
इस दवा को बनाने वाली कंपनी देश के अलग-अलग हिस्सों में मस्टीरेक जेल का निर्माण और वितरण कर रही है. देश के आठ राज्यों- गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में डेयरी मालिकों को मस्टीरेक-एंटीमास्टाइटिस हर्बल दवा का उपयोग करने से लाभ हुआ है. इसने एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग कम कर दिया है और इस बीमारी का कम खर्च में इलाज करने में मदद की है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today