उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए अब मौसम आफत नहीं बनेगा. इसके लिए यूपी सरकार ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी है. जिसके तहत यूपी सरकार किसानों को रियल टाइम वेदर अपडेट की सुविधा देने जा रही है. असल में उत्तर प्रदेश में सरकार ने किसानों को कर्नाटक की तर्ज पर खेती किसानी से जुड़ी जरूरी जानकारियों के अलावा मौसम की सूचनाओं का भी अपडेट देने की पहल की है. इसमें आंधी तूफान, बाढ़, सूखा, और बारिश की जानकारी से लेकर फसल की बुआई, सिंचाई, कटाई और खाद एवं दवा आदि देने के बारे में किसानों को नियमित तौर पर अलर्ट मिलने की सुविधा से लैस किया जाएगा.
कृषि विभाग ने इसके लिए कर्नाटक मॉडल को अपनाने की कवायद की है. कर्नाटक सरकार द्वारा स्थापित आपदा प्रबंधन केंद्र से वहां के किसानों को मौसम और खेती संबंधी जानकारियों के 'रियल टाइम अपडेट' मुहैया कराए जाते हैं.
कृषि विभाग की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक हाल ही में राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अगुवाई वाले दल ने कर्नाटक के आपदा प्रबंधन केंद्र का दौरा कर इस केन्द्र में इस्तेमाल की जा रही तकनीक एवं किसान सेवाओं का अवलोकन किया. शाही ने इसे उप्र के किसानों के लिए भी उपयोगी बताते हुए इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया है. शाही ने बेंगलुरु स्थित कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा प्रबंधन केंद्र (KSNDMC) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का दौरा कर यहां के विशेषज्ञों से विस्तार से चर्चा की.
प्राकृतिक आपदाओं की सटीक जानकारी कम से कम समय में लोगों को उपलब्ध कराने के लिए कर्नाटक सरकार ने केएसएनडीएमसी में देश के अन्य राज्यों की तुलना में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है. 'स्टेट ऑफ आर्ट' स्तर का यह संस्थान वर्षा, सूखा, बाढ़, चक्रवात, अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, तापमान, भूस्खलन, भूकंप आदि की जानकारी 20 मिनट से भी कम समय में उपलब्ध कराता है. इस केंद्र की सेवाओं में किसानों के लिए खासतौर पर अलर्ट सेवा शुरु की गई है.
इस केन्द्र के दो मोबइल एप और एक हेल्पलाइन राज्य के किसानों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रही हैं. इसकी 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन 'वरुणमित्र' पर किसानों को प्राकृतिक आपदा और मौसम संबंधी सभी जानकारियां रियल टाइम आधार पर दी जाती हैं. इसके अलावा दो मोबाइल एप 'सिडिलु' एवं 'बेंगलुरु मेघा संदेश' के जरिए भी किसान को खेत की जुताई, बुआई, खाद एवं दवा आदि का छिड़काव करने के समय आदि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. इतना ही नहीं, किसानों और मछुआरों सहित कृषि कार्य से जुड़े लोगों को एसएमएस, ईमेल, वेबसाइट और सोशल मीडिया सहित संचार के अन्य सभी माध्यमों से ग्राम पंचायत स्तर तक की मौसम संबंधी जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं.
शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी केएसएनडीएमसी की तर्ज पर शीघ्र ही किसानों को इस तरह की सभी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए ऐसा ही सुव्यवस्थित केंद्र स्थापित करेगी. इसके लिए विभागीय अधिकारियों को जल्द ही विस्तृत कार्ययोजना रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने बेंगलुरु स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में सब्जी और बागवानी से जुड़ी प्रोसेसिंग यूनिट पर किए जा रहे अभूतपूर्व काम को भी उप्र के लिए अनुकरणीय बताया. उन्होंने इस संस्था के प्रबंधन से उत्तर प्रदेश में स्थित चार कृषि विश्वविद्यालयों में नयी तकनीकों और प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये एमओयू करने की भी अपील की.शाही के साथ इन संस्थाओं का दौरा करने गए दल में प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह भी शामिल थे.
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