जमीन ही नहीं अब दीवारों पर भी होगी धान और गेहूं की खेती, मिट्टी की जरूरत खत्म!

जमीन ही नहीं अब दीवारों पर भी होगी धान और गेहूं की खेती, मिट्टी की जरूरत खत्म!

वर्टिकल फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से किसान दीवारों पर खेती कर सकते हैं. दीवारों पर खेती करने का मतलब दीवार पर मिट्टी और खाद डालकर खेती करना नहीं है. इस तकनीक की मदद से छोटे-छोटे गमलों में पौधे लगाकर उन्हें दीवार पर ठीक से लटका दिया जाता है और ड्रिप इरिगेशन की मदद से फसलों की सिंचाई की जाती है.

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जमीन ही नहीं अब दीवारों पर भी होगी धान और गेहूं की खेती, मिट्टी की जरूरत खत्म!वर्टिकल फ़ार्मिंग

आज के समय में शहरीकरण की बढ़ती रफ्तार और लोगों की शहरों में रहने की चाहत ने पर्यावरण पर गहरा असर डाला है. इससे जंगलों और खेती योग्य ज़मीन की संख्या लगातार घटती जा रही है. बढ़ती आबादी और शहरी विस्तार के कारण, किसान अपनी ज़मीनों को छोड़कर अन्य व्यवसायों की ओर रुख कर रहे हैं. मॉल्स, फैक्ट्रियां और अन्य उद्योगों के विस्तार से खेती योग्य ज़मीनों का दायरा और भी सीमित हो गया है. इस बढ़ती समस्या के समाधान के रूप में कुछ किसान नई और क्रांतिकारी तकनीकों का सहारा ले रहे हैं. अब ज़मीन पर खेती के अलावा, किसान हवा, पानी और दीवारों पर भी खेती करने के नए तरीके अपनाने लगे हैं. यह अनोखी तकनीक न केवल ज़मीन की कमी को दूर करने में मदद कर रही है, बल्कि खेती को भी एक नया रूप दे रही है. आइए जानते हैं, क्या है ये तकनीक और कैसे यह नई तकनीक किसानों की मुश्किलें आसान कर रही है.

क्या है वर्टिकल फ़ार्मिंग?

वर्टिकल फार्मिंग एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से किसान दीवारों पर खेती कर सकते हैं. दीवारों पर खेती करने का मतलब दीवार पर मिट्टी और खाद डालकर खेती करना नहीं है. इस तकनीक की मदद से छोटे-छोटे गमलों में पौधे लगाकर उन्हें दीवार पर ठीक से लटका दिया जाता है और ड्रिप इरिगेशन की मदद से फसलों की सिंचाई की जाती है. इस तकनीक की मदद से न केवल कम जगह और पानी की जरूरत होती है बल्कि इसमें मिट्टी की भी कम जरूरत होती है. वर्टिकल फ़ार्मिंग के लिए खुले खेतों कि जरूरत नहीं होती. किसान कहीं भी इस तकनीक कि मदद से खेती कर सकते हैं. साथ ही यह तकनीक आपको इस बात कि भी आजादी देता है कि आप एक के ऊपर एक फसलों की खेती आसानी से कर सकते हैं. 

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कहां से आई है ये तकनीक?

ऐसा माना जाता है कि इजरायल के किसानों ने सबसे पहले वर्टिकल फार्मिंग को विकसित किया और अपनाया. इजरायल का 60 फीसदी हिस्सा रेगिस्तान है. इसलिए इस देश में खेती योग्य जमीन की भारी कमी है. आपको बता दें कि इजरायल की आधी से ज्यादा आबादी शहरों में रहती है. इसलिए शहरों में लोगों को खेती की यह तकनीक काफी पसंद आई. इस तकनीक में घर की दीवार पर छोटा सा खेत बनाकर खेती की जाती है. फिलहाल इजरायल में बड़ी संख्या में लोग इस तकनीक की मदद से अपने घरों की दीवारों पर सब्जियां उगा रहे हैं.

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किन फसलों की कर सकते हैं खेती

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके दीवारों पर चावल और गेहूं की खेती भी की जा सकती है. शहरी इलाकों में वर्टिकल फार्मिंग कई समाधान पेश करती है. गेहूं और चावल जैसे अनाज के अलावा इस विधि का इस्तेमाल करके बड़ी दीवारों पर कई तरह की सब्जियां भी उगाई जा सकती हैं. वर्टिकल फार्मिंग के तहत पौधों को छोटी-छोटी इकाइयों में लगाया जाता है. अनाज उगाने के लिए इकाइयों को कुछ समय के लिए दीवार से हटा दिया जाता है. बाद में उन्हें फिर से दीवार में लगा दिया जाता है.

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