Tractor Tyre Care: ये तरीका अपनाकर ट्रैक्टर के टायरों की 40% तक बढ़ेगी लाइफ, बस इन बातों का रखें ध्यान

Tractor Tyre Care: ये तरीका अपनाकर ट्रैक्टर के टायरों की 40% तक बढ़ेगी लाइफ, बस इन बातों का रखें ध्यान

ट्रैक्टर में आगे और पीछे के टायर अलग-अलग जिम्मेदारी संभालते हैं. आगे के टायर स्टीयरिंग और लोडर का भार संभालते हैं, इसलिए उनके बाहरी किनारे तेजी से घिस जाते हैं. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप ट्रैक्टर के टायरों का रोटेशन कर सकते हैं.

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ये तरीका अपनाकर ट्रैक्टर के टायरों की 40% तक बढ़ेगी लाइफ,  बस इन बातों का रखें ध्यान ट्रैक्टर टायर केयर टिप्स

खेती-किसानी के काम में सबसे महंगी मशीन एक ट्रैक्टर ही होता है. ना सिर्फ दाम में बल्कि ट्रैक्टर का मेंटीनेंस भी किसान के लिए खासा महंगा पड़ता है. अब इसके लिए आप ट्रैक्टर के इंजन और दूसरे पुर्जों को लेकर तो खासे सचेत रहते हैं और इनका रखरखाव भी अच्छे से कर लेते हैं, मगर ट्रैक्टर के टायरों का मेंटीनेंस करने में अधिकतर लोग लापरवाही कर जाते हैं. जबकि ट्रैक्टर के टायर अगर बदलने पड़ें तो ये खासे खर्चीले पड़ते हैं. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप ट्रैक्टर के टायरों का रोटेशन (टायर पलटकर लगाना) करके इनकी लाइफ 40 प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं और अपने पैसे बचा सकते हैं.   

क्यों करना चाहिए टायरों का रोटेशन?

समझने वाली बात ये है कि ट्रैक्टर में आगे और पीछे के टायर अलग-अलग जिम्मेदारी संभालते हैं. आगे के टायर स्टीयरिंग और लोडर का भार संभालते हैं, इसलिए उनके बाहरी किनारे तेजी से घिस जाते हैं. वहीं पीछे के टायर कर्षण (ट्रैक्शन) और पावर प्रदान करते हैं, इसलिए ये वाले टायर बीच से या लग्स तेजी से घिसते हैं. 

अब होता ये है कि जब आप टायरों को रोटेट नहीं करते हैं, तो ये एक साइड से जल्दी घिस जाएंगे, जबकि बाकी साइड से टायर ठीक रहेगा. इसका मतलब है कि आपको एक-दो टायर जल्दी बदलने पड़ सकते हैं, जिससे अतिरिक्त खर्चा होगा. मगर जब नियमित रूप से रोटेशन करते रहेंगे तो इससे टायरों का घिसाव एक समान हो जाता है. सबसे अहम बात ये है कि टायर रोटेट करते रहने से ट्रैक्टर खेत में स्थिर रहता है. समान रूप से घिसे हुए टायर ज़्यादा समय तक चलते हैं और माइलेज में भी सुधार होता है. 

ट्रैक्टर के टायर पलटी कब करें?

वैसे ट्रैक्टर के टायरों को हर 500 घंटे चल जाने के बाद पलटना चाहिए. इससे ट्रैक्टर के टायरों का घिसाव समान रूप से होता है और उनकी लाइफ भी लंबी होती है. अगर आप ट्रैक्टर का इस्तेमाल लोडर चलाने या कभी-कभी सड़क यात्रा जैसे भारी कामों में किया जाता है, तो टायरों को ज़्यादा बार पलटना चाहिए. 

ट्रैक्टर की हर सर्विस या इंस्पेक्शन के दौरान टायर की गहराई, ट्रेड की स्थिति और इसकी हेल्थ की भी जांच करें. अगर टायरों की नियमित रूप से निगरानी की जाए, तो रोटेशन का सही समय ट्रैक्टर की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाता है और टायरों की लाइफ भी काफ़ी बढ़ सकती है.

टायर रोटेशन के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • सबसे पहले ट्रैक्टर का टायर प्रेशर चेक करें. टायर रोटेशन से पहले और बाद में, कंपनी के निर्देशों के अनुसार टायर में हवा का प्रेशर मेंनटेन करें. अगर गलत प्रेशर रहगेा तो टायर जल्दी घिस सकते हैं और ट्रैक्टर की ग्रिप भी कम हो सकती है. 
  • टायर के रोटेशन का रिकॉर्ड रखें. किस तारीख पर रोटेशन किया या ट्रैक्टर के कितने घंटे चलने पर टायर पलटी की है, रोटेशन पैटर्न की ये डिटेल्स नोटबुक या मोबाइल में नोट करें. इससे आपको अगला रोटेशन याद रखने में मदद मिलेगी. 
  • टायरों की जांच करें. हर बार टायर पलटी के बाद, इसके कट, दरार या असमान घिसाव चेक करें. टायर की उम्र बढ़ाने के लिए छोटी-छोटी समस्याओं का जल्द समाधान करें.
  • मैनुअल जरूर पढ़ें. हर ट्रैक्टर कंपनी की अपनी रोटेशन सलाह होती है. इसलिए टायर पलटी से पहले हमेशा अपने ट्रैक्टर का मैनुअल पढ़ें और ज़रूरत पड़ने पर किसी अनुभवी मैकेनिक से सलाह लें.

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