ड्रिप इरिगेशन तकनीककिसी ने कहा है कि अगर आप समय के साथ नहीं चलते तो बहुत पीछे छूट जाएंगे. आज का समय तकनीकियों का है और कृषि का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. एग्री फील्ड में कई तरह के नवाचार हुए हैं जिसमें से ड्रिप इरिगेशन बहुत खास तकनीक है. वैसे तो इसके बारे में खूब प्रचार-प्रसार हो रहा है लेकिन आज भी देश के ज्यादातर किसानों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है. आइए जान लेते हैं कि ये खास तकनीक क्या है और इसके फायदे क्या हैं. इसके अलावा अधिकतर किसान जानना चाहते हैं कि इसके सेटअप पर पूरा खर्च कितना आता है, आइए सारी बातें जान लेते हैं.
ड्रिप इरिगेशन को टपक सिंचाई भी कहा जाता है. ये ऐसी आधुनिक सिंचाई तकनीक है जिसमें पानी को छोटी पाइपों और ड्रिप नोजल्स के जरिए सीधे पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पहुंचाया जाता है. यह तरीका पारंपरिक सिंचाई से अलग है,क्योंकि इसमें खेत को भरने के बजाय केवल पौधे के आसपास की मिट्टी को नम रखा जाता है. आइए इसके सेटअप का तरीका भी समझ लेते हैं.
ड्रिप इरिगेशन सेटअप का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है जैसे खेत का आकार, फसल का प्रकार, पानी का स्रोत, पाइप की गुणवत्ता, और सिस्टम की समस्याएं. आप कौन से खेत में लगा रहे हैं इससे पौधों के बीच की दूरी और पानी की जरूरत के अनुसार ड्रिपर की संख्या बदलती है तो कीमतें भी ऊपर नीचे होती रहती हैं. ज्यादा लंबाई या आकार से पाइपिंग खर्च बढ़ता है. अगर साफ तौर पर अनुमानित राशि की बात की जाए तो एक 30 हजार रुपये लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है. हालांकि ड्रिप इरिगेशन सेटअप पर भारी-भरकम सब्सिडी भी दी जाती है जिसके बाद किसान को 10-20 हजार रुपये तक ही खर्च करने होते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today