खेत में ड्रिप इरिगेशन सेटअप कितना जरूरी? फायदे, खर्च और तरीका समझिए

खेत में ड्रिप इरिगेशन सेटअप कितना जरूरी? फायदे, खर्च और तरीका समझिए

ड्रिप इरिगेशन एक आधुनिक सिंचाई प्रणाली है जिसमें पानी पाइप और ड्रिपर के माध्यम से पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद रूप में पहुंचाया जाता है. इस खबर में इस तकनीक से जुड़ी सारी बातें बताने जा रहे हैं.

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खेत में ड्रिप इरिगेशन सेटअप कितना जरूरी? फायदे, खर्च और तरीका समझिएड्रिप इरिगेशन तकनीक

किसी ने कहा है कि अगर आप समय के साथ नहीं चलते तो बहुत पीछे छूट जाएंगे. आज का समय तकनीकियों का है और कृषि का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. एग्री फील्ड में कई तरह के नवाचार हुए हैं जिसमें से ड्रिप इरिगेशन बहुत खास तकनीक है. वैसे तो इसके बारे में खूब प्रचार-प्रसार हो रहा है लेकिन आज भी देश के ज्यादातर किसानों को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं है. आइए जान लेते हैं कि ये खास तकनीक क्या है और इसके फायदे क्या हैं. इसके अलावा अधिकतर किसान जानना चाहते हैं कि इसके सेटअप पर पूरा खर्च कितना आता है, आइए सारी बातें जान लेते हैं. 

क्या है ड्रिप इरिगेशन तकनीक? 

ड्रिप इरिगेशन को टपक सिंचाई भी कहा जाता है. ये ऐसी आधुनिक सिंचाई तकनीक है जिसमें पानी को छोटी पाइपों और ड्रिप नोजल्स के जरिए सीधे पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पहुंचाया जाता है. यह तरीका पारंपरिक सिंचाई से अलग है,क्योंकि इसमें खेत को भरने के बजाय केवल पौधे के आसपास की मिट्टी को नम रखा जाता है. आइए इसके सेटअप का तरीका भी समझ लेते हैं. 

  • पाइपों का सेटअप लगाया जाता है और फिर बोरवेल, टंकी या मोटर से पानी लिया जाता है. 
  • पानी का जो भी सोर्स है उससे मुख्य पाइप को जोड़ा जाता है.
  • उससे लेटरल पाइप को जोड़ते हैं, ये पतली पाइपें होती हैं जो हर पौधे की कतार तक जाती हैं.
  • पाइप में ड्रिप नोजल लगे होते हैं जो पानी को नियंत्रित मात्रा में पौधे की जड़ पर टपकाते हैं.
  • पानी को साफ रखने और दबाव नियंत्रित करने के लिए फिल्टर और वॉल्व सिस्टम लगाए जाते हैं.

ड्रिप इरिगेशन के फायदे क्या हैं?

  • यह तकनीक पारंपरिक सिंचाई की तुलना में 40–60% तक पानी बचाती है.
  • ड्रिप से पौधों को जरूरत के अनुसार पानी और खाद जड़ों तक पहुंचती है, जिससे बेहतर विकास होता है.
  • इस विधि से सिंचाई करने पर मिट्टी में नमी संतुलित रहती है और कटाव नहीं होता है.
  • सिंचाई के अलावा खाद और कीटवाशक भी लिक्विड फार्म में दिया जा सकता है. 
  • केवल पौधों की जड़ों के पास पानी जाता है, जिससे खेत में खरपतवार नहीं उगते.  
  • सबसे जरूरी बात ये कि इसमें बार-बार मेहनत करने की जरूरत नहीं होती है, एक बार सेटअप करें और जब जरूरत हो तब सिंचाई करें.

ड्रिप इरिगेशन सेटअप का खर्च 

ड्रिप इरिगेशन सेटअप का खर्च कई बातों पर निर्भर करता है जैसे खेत का आकार, फसल का प्रकार, पानी का स्रोत, पाइप की गुणवत्ता, और सिस्टम की समस्याएं. आप कौन से खेत में लगा रहे हैं इससे पौधों के बीच की दूरी और पानी की जरूरत के अनुसार ड्रिपर की संख्या बदलती है तो कीमतें भी ऊपर नीचे होती रहती हैं. ज्यादा लंबाई या आकार से पाइपिंग खर्च बढ़ता है. अगर साफ तौर पर अनुमानित राशि की बात की जाए तो एक 30 हजार रुपये लेकर एक लाख रुपये तक हो सकती है. हालांकि ड्रिप इरिगेशन सेटअप पर भारी-भरकम सब्सिडी भी दी जाती है जिसके बाद किसान को 10-20 हजार रुपये तक ही खर्च करने होते हैं. 

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