प्याज के भाव में गिरावट से किसान परेशान (फाइल फोटो)असमय बारिश से प्याज फसल को भारी नुकसान झेल रहे महाराष्ट्र के किसानों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया है. महाराष्ट्र स्टेट ओनियन प्रोड्यूसर्स फार्मर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में किसान राज्य सरकार से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों के इस आंदोलन को आम लोगों का भी समर्थन मिल रहा है.
किसान संघ ने नासिक, धुले, पुणे, जलगांव, सोलापुर और सतारा समेत प्रमुख प्याज उत्पादक जिलों के जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर नुकसान का सर्वे कर मुआवज़ा, मुफ्त बीज वितरण और नीति सहायता देने की मांग की है.
संघ के अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा — “असमय बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. सरकार को तुरंत आर्थिक मदद की घोषणा करनी चाहिए.”
23 से 27 अक्टूबर के बीच महाराष्ट्र के कई जिलों में 36.8 मिमी से 58.4 मिमी तक बारिश हुई. इस बारिश ने रबी सीजन की प्याज नर्सरियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. धुले के किसान संजय भडाने ने बताया कि "बारिश ने प्याज, सोयाबीन, मक्का और कपास की फसलों को तबाह कर दिया. पहले ही बढ़ती लागत और गिरते भाव से परेशान किसान अब प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं."
संघ ने सरकार से मांग की है कि प्याज बीज और पौध के नुकसान की भरपाई की जाए, और जिन किसानों ने एमआरपी से नीचे दामों पर फसल बेची है उन्हें भावांतर योजना के तहत राहत दी जाए. धुले जिले के किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने तुरंत पंचनामा, सहायता और खरीद केंद्र शुरू नहीं किए, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा.
भारत दिघोले ने कहा — “यह बुआई का समय है. अगर नर्सरी बरबाद हुई तो जनवरी से अप्रैल के बीच प्याज की फसल ही नहीं होगी, जिससे बाजार में संकट और बढ़ेगा.”
महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है, जो 2025 में लगभग 170 लाख मीट्रिक टन प्याज उत्पादन का अनुमान रखता है. नासिक, धुले, पुणे, सोलापुर, जलगांव और सतारा — ये छह जिले राज्य के कुल प्याज उत्पादन क्षेत्र का लगभग 95 परसेंट हिस्सा हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today