किसानों को मिलेगी सस्ती डीएपी और एनपीके खाद, कैबिनेट की बड़ी मंजूरी

किसानों को मिलेगी सस्ती डीएपी और एनपीके खाद, कैबिनेट की बड़ी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में रबी 2025-26 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों (P&K) पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी. सरकार का उद्देश्य — किसानों को किफायती दरों पर डीएपी और एनपीके जैसे उर्वरक उपलब्ध कराना.

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किसानों को मिलेगी सस्ती डीएपी और एनपीके खाद, कैबिनेट की बड़ी मंजूरीकिसानों को कम रेट पर मिलेगी डीएपी खाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज (मंगलवार) रबी सीजन 2025-26 (1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (Nutrient Based Subsidy – NBS) दरों को मंजूरी दे दी गई है.

रबी 2025-26 के लिए इस योजना की अनुमानित बजटीय आवश्यकता 37,952.29 करोड़ रुपये होगी, जो कि खरीफ सीजन 2025 की तुलना में लगभग 736 करोड़ रुपये अधिक है.

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

इस निर्णय से देशभर के किसानों को डीएपी (Di-Ammonium Phosphate), एनपीकेएस (NPKS - Nitrogen, Phosphorus, Potash, Sulphur) जैसे उर्वरक किफायती और सब्सिडी दरों पर उपलब्ध होंगे.

इस निर्णय से सरकार का उद्देश्य किसानों को स्थिर मूल्य और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि खेती लागत को कम किया जा सके और उत्पादन में बढ़ोतरी हो.

सरकार की घोषणा के प्रमुख बिंदु

  • रबी सीजन 2025-26 के लिए मंजूर एनबीएस दरें 1 अक्टूबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेंगी.
  • डीएपी, एमओपी, एनपीकेएस और अन्य पी एंड के उर्वरक इन दरों के तहत सब्सिडी में शामिल रहेंगे.
  • यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की कीमतों के मौजूदा रुझानों को ध्यान में रखकर लिया गया है.
  • उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित दरों पर सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसानों तक यह लाभ सीधे पहुंचे.

किसानों के लिए लाभ

  1. किफायती उर्वरक उपलब्धता: सब्सिडी के कारण किसानों को डीएपी और एनपीके जैसे महंगे उर्वरक भी सस्ते में मिलेंगे.
  2. उत्पादकता में वृद्धि: पोषक तत्व आधारित उर्वरकों से मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और फसल उत्पादन में सुधार होगा.
  3. आय में स्थिरता: लागत घटने से किसानों की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
  4. कृषि में संतुलन: उर्वरकों का संतुलित उपयोग बढ़ेगा, जिससे दीर्घकालिक मृदा स्वास्थ्य सुनिश्चित होगा.

क्या है एनबीएस योजना?

एनबीएस योजना (Nutrient Based Subsidy Scheme) की शुरुआत 1 अप्रैल 2010 से की गई थी. इस योजना के तहत सरकार फॉस्फेटिक और पोटाशिक उर्वरकों पर सब्सिडी को पोषक तत्वों (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सल्फर) के आधार पर तय करती है. वर्तमान में सरकार देशभर में 28 ग्रेड के पी एंड के उर्वरक किसानों को उर्वरक कंपनियों/आयातकों के माध्यम से सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराती है.

सरकार का यह निर्णय किसान हितैषी दृष्टिकोण को और सशक्त बनाता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद देश में उर्वरकों की कीमतें स्थिर रखने में मदद करेगा.

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