मशरूम उगाने के लिए ये तकनीक हैं सबसे आसान, कमाई के साथ पैदावार में होती है बढ़ोतरी

मशरूम उगाने के लिए ये तकनीक हैं सबसे आसान, कमाई के साथ पैदावार में होती है बढ़ोतरी

आजकल सब्जियों में मशरूम की मांग काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. लोग मशरूम को काफी तेजी से अपने आहार में शामिल करने लगे हैं क्योंकि मशरूम खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. ऐसे में आइए जानते हैं मशरूम उगाने के आसान तकनीक के बारे में.

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मशरूम उगाने के लिए ये तकनीक हैं सबसे आसान, कमाई के साथ पैदावार में होती है बढ़ोतरीमशरूम उगाने के लिए ये तकनीक हैं सबसे आसान

मौजूदा समय में लोगों के बीच मशरूम की मांग काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. लोग मशरूम को काफी तेजी से अपने आहार में शामिल करने लगे हैं क्योंकि मशरूम खाने में काफी स्वादिष्ट होता है. साथ ही ये कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है. वहीं मशरूम एक बागवानी नकदी फसल है. देश में मशरूम की मांग बढ़ने से किसान इसकी खेती की तरफ आकर्षित हुए हैं. इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है, लेकिन कई किसान मशरूम की खेती इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि उनको उगाने के आसान तरीके नहीं मालूम हैं.

ऐसे में हम आपको बताएंगे मशरूम उगाने की आसान तकनीक. इन तकनीकों ने पॉलिथीन बैग तकनीक और ट्रे तकनीक शामिल हैं. इन तकनीकों को अपनाकर आप मशरूम के बेहतर पैदावार ले सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे करें इन तकनीक से मशरूम की खेती.  

पॉलिथीन बैग तकनीक

पॉलीथीन बैग तकनीक देश में काफी प्रचलित है. पॉलिथीन बैग प्रणाली अब देश के मैदानी क्षेत्रों के मशरूम फार्मों पर भी अपनाई जाने लगी है. इस तकनीक से मशरूम उगाने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. इसके लिए 25 इंच लंबाई और 23 इंच चौड़ाई वाले 200 गेज माप के पॉलिथीन के लिफाफों इस्तेमाल किया जाता है. वहीं पॉलीथिन बैगों को कमरे में लगाने के लिए एक के ऊपर दूसरी शैल्फ बनाना जरूरी होता है क्योंकि अगर इन बैगों जमीन पर ही रख दिया जाए तो मशरूम को पैदा करने का एरिया घट जाता है. इसलिए पॉलिथीन बैग को शैल्फ पर रखा जाता है. ऐसे में किसान इस तकनीक को अपनाकर मशरुम का बेहतर उत्पादन कर सकते हैं.

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जानें क्या है ट्रे तकनीक

मशरूम उगाने की यह तकनीक काफी सरल है. इसमें  तकनीक की मदद से किसान मशरूम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जा सकते हैं क्योंकि इसमें मशरूम का उत्पादन एक ट्रे के माध्यम से किया जाता है. मशरूम उगाने के लिए एक ट्रे का साइज 1/2 वर्ग मीटर और 6 इंच तक गहरी होती है. ताकि उसमें 28 से 32 किग्रा तक खाद आसानी से आ सकें.

मशरूम का इस्तेमाल और मुनाफा

मशरूम का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है. जैसे, सब्जी, पकोड़ा और बिरयानी बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. वहीं सूखी हुई मशरूम का प्रयोग अचार और सूप बनाने में भी किया जाता है. वहीं बात करें कमाई की तो मशरूम का व्यवसाय किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प है. जिसमें लागत बहुत कम है. जहां एक किलो मशरूम का लागत मूल्य लगभग 25-30 रुपये तक होता है. तो वहीं इसकी बाजार में कीमत 70 से 80 रुपये किलो है. किसान आसानी से इसे अच्छे मुनाफे के साथ बाजार में या किसी कंपनियों को भी बेच सकते हैं.

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