किसानों के लिए एक छात्रा ने ऐसी नायाब मशीन बनाई है जिससे बीज बुवाई, छिड़काव, सिंचाई तो होगी ही, इसका इस्तेमाल खेत जोतने के लिए किया जा सकता है. दिल्ली एनसीआर एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा का नाम सुहानी चौहान है जिसने सौर उर्जा से चलने वाला एक एग्रो व्हीकल ‘‘एसओ-एपीटी’’ तैयार किया है. देश में लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह गाड़ी उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक बताई जा रही है. गाड़ी के ऊपरी हिस्से में लगे फोटो वोल्टिक पैनल प्रकाश किरणों को बिजली की ऊर्जा में बदलते हैं. इसी ऊर्जा से गाड़ी चलती है, इसलिए गाड़ी को चलाने में कोई ईंधन की खपत नहीं होती है और प्रदूषण भी नहीं होता.
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार के कक्षा 11वीं की छात्रा सुहानी चौहान ने पोर्टेबल औजारों के साथ सौर उर्जा से चलने वाला एग्रो व्हीकल ‘‘एसओ-एपीटी’’ बनाया है जो किसानों की लागत को कम करने में मदद करेगा.
‘‘एसओ-एपीटी’’ से कार्बन या धुआं नहीं निकलता. यह मशीन खेती में उपयोग के लिए सोलर पावर से चलने वाली गाड़ी है जो किसानों के लिए लाभकारी है और इसका इस्तेमाल चारा काटने की मशीन, ट्यूबवेल पंप, रोशनी और मोबाइल चार्जिंग के लिए किया जा सकता है. सोलर पावर से चार्ज होकर यह गाड़ी 60 किमी की दूरी तक जा सकती है. पूरी तरह से बैटरी चार्ज हो तो यह गाड़ी 400 किलोग्राम की भार ढोने की क्षमता रखती है.
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इसके अलावा इस गाड़ी का उपयोग बीज बुवाई, छिड़काव, सिंचाई, खेत जोतने के लिए किया जा सकता है. गाड़ी बनाने वाली छात्रा सुहानी का दावा है कि पूरी तरह से सौर उर्जा से संचालित होने के कारण इस गाड़ी की लागत लगभग शून्य हो जाती है और कम पुर्जों के कारण रखरखाव लागत भी नाम मात्र की है. यह गाड़ी कम कीमत पर उपलब्ध होगी और किसानों के लिए किफायती होगी.
सुहानी चौहान ने कहा कि वे एक ऐसा मशीन बनाना चाहती थीं जो देश और देश के किसानों के विकास में बड़ा रोल निभाए. इसी सोच ने इस अनोखे सोलर कृषि मशीन को बनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया. लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह सोलर गाड़ी उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में मदद करेगी. जुताई के अलावा यह सोलर गाड़ी खेती के सभी काम करती है.
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खास बात ये कि इस सोलर गाड़ी की बैटरी को केवल पांच-छह वर्षों के बाद बदलने की जरूरत होती है जिससे यह लंबे समय तक चलती है और इसकी लागत भी नहीं बढ़ती. गाड़ी के ऊपरी हिस्से में लगे फोटो वोल्टिक पैनल प्रकाश किरणों को बिजली की उर्जा में बदलते हैं और इसी ऊर्जा से गाड़ी चलती है. इस गाड़ी को चलाने में कोई तेल या फ्यूल की खपत नहीं होती है और इससे प्रदूषण भी नहीं होता.
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