
इस समय खेतों में रबी की फसल लहलहा रही है. वहीं मार्च महीने के अंतिम सप्ताह से फसल कटाई का काम शुरू हो जाएगा, जो अप्रैल से मई महीने तक चलेगा. लेकिन अमूमन फसल कटाई के दौरान श्रमिकों की कमी देखने को मिलती है. नतीजतन किसानों को अधिक मजदूरी देकर फसल की कटाई करवानी पड़ती है. मौजूदा वक्त में किसान कृषि यंत्रों का उपयोग कर खेती कर रहे हैं और कम समय में अधिक उत्पादन के साथ बेहतर कमाई भी कर रहें हैं. इन्हीं कृषि यंत्रों में से एक रीपर कम बाइंडर मशीन भी है जिसकी मदद से किसान अपनी फसल की कटाई के साथ उसका बंडल भी बना सकते हैं. साथ ही कम समय और कम लागत में ज्यादा से ज्यादा फसलों की कटाई कर सकते हैं.
रीपर बाइंडर मशीन बनाने वाली एक कंपनी के सेल्समैन अनिल जांगरा के अनुसार, रीपर बाइंडर मशीन एक घंटे में एक एकड़ में लगी खड़ी फसल को आसानी से काट सकती है. इस मशीन से 85 सेमी से 110 सेमी ऊंचाई वाली गेहूं, जौ, धान, जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई के साथ बंडल बनाया जा सकता है. वहीं रीपर बाइंडर मशीन के आने से किसानों को फसल कटाई के लिए ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है. इसके बारे में किसान तक से बातचीत में बताया कि बाजार में करीब चार तरह की रीपर बाइंडर मशीन मौजूद है, जो फसल की कटाई के साथ बंडल भी बना देता है. इसमें स्वचालित चार थ्री व्हीलर, स्वचालित थ्री व्हीलर है. वहीं ट्रैक्टर से चलने वाली मशीन में फ्रंट एवं साइड रीपर कम बाइंडर मशीन मौजूद है. यह जमीन से करीब 3 से 5 सेंटीमीटर ऊंचाई तक फसल की कटाई कर सकता है.
जांगरा के अनुसार, स्वचालित चार एवं थ्री व्हीलर रीपर बाइंडर मशीन करीब एक लीटर डीजल में एक घंटे में करीब एक एकड़ फसल की कटाई कर सकती है. इन मशीनों पर किसान आसानी से बैठकर अकेले अपनी फसल की कटाई कर सकते हैं. तीन चक्के वाली मशीन सेल्फ से नहीं चालू होती है, जबकि चार चक्के वाली मशीन सेल्फ से चालू हो जाती है. बिहार सरकार चार एवं थ्री व्हीलर रीपर बाइंडर मशीन पर सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दे रही है. वहीं OBC,SC/ST वर्ग को 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. थ्री व्हीलर रीपर बाइंडर मशीन पर सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम राशि 1.40 लाख रुपए, जबकि अन्य वर्ग को अधिकतम राशि 1.75 लाख रुपए है, जबकि चार चक्का रीपर बाइंडर मशीन पर सामान्य के लिए 2 लाख और OBC, SC/ST को अधिकतम 2.50 लाख रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है.
रीपर बाइंडर मशीन ट्रैक्टर की मदद से भी चल सकती है, जिसे किसान ट्रैक्टर के आगे या साइड में लगाकर चला सकते हैं. यह मशीन एक लीटर डीजल में करीब 45 मिनट में एक एकड़ फसल की कटाई आसानी से कर सकता है. वहीं बिहार सरकार इन मशीनों पर 50 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम राशि एक लाख पच्चीस हजार, जबकि अन्य वर्ग के लिए एक लाख पचास हजार रुपए तक अधिकतम राशि निर्धारित की गई है.
शेखपुरा जिले के रहने वाले किसान रमेश के अनुसार, इस मशीन के इस्तेमाल से समय से फसल की कटाई हो जाती है. साथ ही पैसे की भी बचत होती है. इसी प्रकार कैमूर जिले के रहने वाले किसान तेज बहादुर सिंह के अनुसार एक एकड़ फसल की कटाई करने में 2 मज़दूर 4 दिन का समय लेते हैं. वहीं एक श्रमिक एक दिन की मजदूरी करीब 250 सौ रुपए लेता है और उसका बंडल बनाने के लिए अलग से मजदूरी देनी पड़ती है. यानी एक एकड़ की कटाई में दो हजार रुपए के आसपास खर्च आ जाता है. अगर इस मशीन का उपयोग किया जाए तो एक घंटे में एक एकड़ फसल काटकर बंडल भी बना देगा, जो काफी फायदे का सौदा है. इसके साथ ही पराली जलाने की समस्या से निजात भी मिल जाएगा.
अगर किसान इस मशीन खरीदना चाहते हैं तो वह बिहार सरकार (Bihar Government) की कृषि विभाग की वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही अधिक जानकारी के लिए जिला कृषि विभाग या प्रखंड के कृषि विभाग से अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
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