मशरूम की बढ़ती मांग और इसकी पैदावार लागत कम होने के चलते इसकी खेती रोजगार का सबसे बढ़िया माध्यम बनती जा रही है. कम जगह और कम खर्च के साथ अधिक कमाई देने के चलते युवा से लेकर बुजुर्ग तक मशरूम उत्पादन की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. मशरूम की खेती का सही तरीका और अच्छी पैदावार पाने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों को मुफ्त ट्रेनिंग देने की घोषणा की है.
हरियाणा के हिसार में स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग देने की घोषणा की है. विश्वविद्यालय के अनुसार मशरूम उत्पादन तकनीक पर 28 से 30 अक्टूबर तक तीन दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम होगा. इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में देश व प्रदेश से किसी भी वर्ग, आयु के इच्छुक महिला व पुरुष भाग ले सकते हैं.
सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि इस ट्रेनिंग में सफेद बटन मशरूम, ओयस्टर मशरूम, दुधिया मशरूम, शीटाके मशरूम, कीड़ाजड़ी मशरूम आदि के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा मशरूम से वैल्यू एडेड प्रोडक्ट तैयार करना, मार्केटिंग एवं लाइसेंसिंग, मशरूम उत्पादन में मशीनीकरण, मशरूम का स्पान/बीज तैयार करना, मौसमी और एयरकंडीशन में विभिन्न मशरूम को उगाने, मशरूम की जैविक और अजैविक समस्याएं और उनके समाधान की जानकारी दी जाएगी.
डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि यह ट्रेनिंग मुफ्त दी जाएगी. ट्रेनिंग कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को संस्थान की तरफ से प्रमाणपत्र दिए जाएंगे. इच्छुक युवक व युवतियां सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में 28 अक्तूबर को ही सुबह 9 बजे आकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकते हैं. ट्रेनिंग का समय सुबह 9 से दोपहर 4:30 बजे तक रहेगा. उन्होंने कहा कि ट्रनिंग में प्रवेश पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. पंजीकरण के लिए उम्मीदवारों को एक फोटो व आधार कार्ड की फोटोकॉपी साथ लेकर आनी होगी.
यूपी के कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में मशरूम (Mushroom Cultivation) की खेती के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम संपन्न हो गया है. मशरूम केंद्र के नोडल अधिकारी डॉक्टर एसके विश्वास के अनुसार 21 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2024 से कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 6 दिन का मशरूम की खेती का ट्रेनिंग कार्यक्रम हुआ. इस दौरान वैज्ञानिकों ने मशरूम की खेती के विभिन्न तरीकों की जानकारी देंगे.
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