देश में बढ़ती जनसंख्या के ढेरों नुकसान बताए जाते हैं जिसमें सबसे बड़ा नुकसान है खेती के लिए जमीन की कमी. संख्या बढ़ने के चलते खेती की जमीनों में घर, फ्लैट्स और फैक्ट्रियां बनाई जाने लगी हैं जिसके चलते खेती की जमीनें तेजी से घटती जा रही हैं. इसके लिए कृषि क्षेत्र में एक विकल्प तलाशा गया जिसका नाम हाइड्रोपोनिक्स है. पिछले कुछ सालों से हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से कई फसलें सफलतापूर्वक उगाई जा रही हैं. आज भी ज्यादातर लोगों को इस तकनीक के बारे में अधिक जानकारी नहीं है. इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं कि हाइड्रोपोनिक्स विधि का इस्तेमाल करते हुए आपको किन चीजों की जरूरत होती है.
ये खेती का एक नया तरीका है. इसमें फसल उगाने के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं होती है. आप केवल पानी और वातावरण को फसल के अनुसार निर्धारित करके फसल उगा सकते हैं. हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से आप धान, गेहूं, मक्का से लेकर कई तरह की सब्जियां भी उगा सकते हैं. इतना ही नहीं केसर जैसी फसलें भी जो किसी निश्चित इलाके में उगाई जाती हैं उन्हें भी आसानी से तैयार कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि ये पूरी तैयारी कैसे की जाती है.
इस विधि से खेती करने के लिए आपको एक खास तरह का स्ट्रक्चर बनाना होगा. इसके लिए प्लास्टिक की पाइपों को मल्टी लेयर तरीके से ऐसा बनाया जाता है जिसमें प्लांट्स या बीज रखने के लिए ट्रे रखी जा सके. इन्हीं पाइपों में सिंचाई के लिए उचित दूरी पर फव्वारे लगाए जाते हैं जिसके कारण समय-समय पर पौधों की सिंचाई होती है. इसके अलावा फसल के हिसाब से जरूरी तापमान बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर लगाना पड़ता है.
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हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से खेती करने के लिए स्ट्रक्चर बनाना होता है लेकिन ये खुद से नहीं बनाया जाता है. इसके लिए आपको एक विशेष कमरे की जरूरत होती है जिसमें नैचुरल प्रकाश लाया जा सके. इसके अलावा कमरे की साइज के अनुसार कितनी AC लगानी है, पानी की कैसी व्यवस्था करनी है, प्रकाश कैसे और कितना देना है, इन बातों का ध्यान देने के लिए इंजीनियर्स होते हैं. कई प्राइवेट कंपनियां होती हैं जो हाइड्रोपोनिक्स स्ट्रक्चर बनाती हैं. इसके अलावा किसान विज्ञान केंद्र या नजदीकी कृषि कार्यालय में मदद ले सकते हैं.
आपको बता दें कि शुरुआत में कम लागत वाली फसलें उगाएं, ताकि अगर किसी वजह से शुरुआत में फसल ग्रो ना कर पाए तो आपको अधिक नुकसान ना उठाना पड़े. इसके अलावा ये भी ध्यान दें कि सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी गंदा या अधिक दिनों पुराना नहीं होना चाहिए. प्रकाश के लिए बल्ब लगाना भी जरूरी होता है. सारी तैयारी पूरी होने के बाद सामान्य और कम लागत वाली फसल से शुरुआत करें.
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