अवैध फिशिंग रोकने के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल, AI तकनीक के साथ लैस कैमरा भेजता है लाइव फुटेज 

अवैध फिशिंग रोकने के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल, AI तकनीक के साथ लैस कैमरा भेजता है लाइव फुटेज 

महाराष्ट्र सरकार ने कोस्टलाइन एरिया में अवैध तरीके से फिशिंग करने वालों पर लगाम लगाने के लिए एग्रीकल्चर ड्रोन का सहारा लिया है. एआई तकनीक से लैस ड्रोन में कैमरा लगाया है, जो सीधे लाइव फुटेज कंट्रोल रूम को भेजता है.

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अवैध फिशिंग रोकने के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल, AI तकनीक के साथ लैस कैमरा भेजता है लाइव फुटेज ड्रोन का इस्तेमाल खेती में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.

एग्रीकल्चर ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. खास बात ये है कि फसलों में छिड़काव के अलावा भी इसे कई दूसरे कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार ने कई कंपनियों के साथ खेती में एग्री ड्रोन के इस्तेमाल के करार किया है. खेती में इस्तेमाल के साथ ही अब एग्री ड्रोन का इस्तेमाल कोस्टलाइन एरिया में अवैध फिशिंग रोकने के लिए भी किया जा रहा है. महाराष्ट्र में यह पहली बार होगा कि ड्रोन के जरिए समुद्री तटों पर निगरानी की व्यवस्था की जा रही है. 

महाराष्ट्र सरकार ने कोस्टलाइन एरिया में अवैध तरीके से फिशिंग करने वालों पर लगाम लगाने के लिए एग्रीकल्चर ड्रोन का सहारा लिया है. एआई तकनीक से लैस ड्रोन में कैमरा लगाया है, जो सीधे लाइव फुटेज कंट्रोल रूम को भेजता है. रिपोर्ट के अनुसार एग्री ड्रोन से निगरानी इसी महीने जनवरी 2025 से शुरू हो गई है. ड्रोन सभी 7 तटीय जिलों में नौ बिंदुओं से 12 मील की समुद्री सीमा तक की लाइव इमेजरी कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा रहे हैं. 

पहली बार ड्रोन से समुद्र तटों की निगरानी 

मत्स्य विभाग के अनुसार महाराष्ट्र में पहली बार 9 जनवरी से 720 किलोमीटर की तटरेखा पर अवैध मछली पकड़ने की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं. ड्रोन सभी 7 तटीय जिलों में नौ स्थानों से 12 मील की समुद्री सीमा तक की लाइव फुटेज उपलब्ध होगी. इससे अवैध तरीके से मछली पकड़ने वालों पर कार्रवाई करना आसान हो सकेगा और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी. 

ड्रोन सिस्टम से समुद्री क्षेत्र निगरानी में होगा 

अधिकारी ने कहा कि ड्रोन के जरिए एकत्र किए गए स्ट्रीमिंग डेटा का इस्तेमाल अनधिकृत मछली पकड़ने वाली नौकाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्रोन प्रणाली को मत्स्य पालन और बंदरगाह राज्य मंत्री नितेश राणे लॉन्च करेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रोन सिस्टम महाराष्ट्र के पूरे समुद्री क्षेत्र को कैमरे की निगरानी में लाएगा, जिससे सरकार को अवैध मछली पकड़ने पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

तेजी से बढ़ रहा एग्री ड्रोन का इस्तेमाल 

ड्रोन का इस्तेमाल खेती में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. कीटनाशक और खाद छिड़काव के साथ ही फसलों की निगरानी और मैपिंग की जा रही है. एग्री ड्रोन कंपनी सलाम किसान के अनुसार 2026 तक 1 लाख से ज्यादा प्रशिक्षित ड्रोन की जरूरत है. इन्हें ट्रेंड करने के लिए शिक्षण संस्थानों के साथ करार किया जा रहा है. जबकि, ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित किए जा रहा हैं. 

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