आज के दौर में खेती के लिए हर रोज नई तकनीक और उपकरण आ रहे हैं. लेकिन हमारे देश में आज भी ज्यादातर किसान अभी पारंपरिक तरह से ही खेती कर रहे हैं. ये किसान या तो खेती की नई तकनीक और उपकरणों के बारे में जागरुक नहीं होते या फिर इनका इस्तेमाल करना नहीं जानते. इसलिए किसान-Tech की इस सीरीज में हम आपको धान की खेती के एक उपकरण के बारे में बता रहे हैं. इस उपकरण का नाम है राइस ट्रांसप्लांटर. हम आपको बताएंगे कि राइस ट्रांसप्लांटर या पैडी ट्रांसप्लांटर कैसे धान के किसानों के लिए चमत्कारी मशीन है, इसके क्या फायदे और ये कितने पैसों में खरीदा जा सकता है.
इसके नाम से ही साफ है कि राइस ट्रांसप्लांटर एक ऐसी मशीन है जो धान की रोपाई का काम करती है. ये एक ऐसी मशीन है जिसमें खुद ही एक इंजन लगा होता है और इसके लिए अलग से ट्रैक्टर की जरूरत नहीं पड़ती. राइस ट्रांसप्लांटर बड़े-बड़े खेतों में बेहद तेजी से धान की रोपाई करता है और किसान की भारी लागत भी बचाता है. बाजार में कई तरह की राइस ट्रांसप्लांटर मशीनें मौजूद हैं. इस मशीन से रोपाई में समय भी कम लगता है और श्रम की भी बचत होती है.
राइस ट्रांसप्लांटर का उपयोग करना भी बेहद आसान है. किसान को बस धान की पौध इसमें लोड करना होता है और मशीन एक संतुलित रफ्तार और दूरी पर रोपाई कर देती है. राइस ट्रांसप्लांटर धान की खेती को आसान के साथ ही फास्ट भी बनाती है. इससे रोपाई के लिए लगने वाली अधिकांश लेबर का काम ऑटोमैटिक हो जाता है.
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धान की खेती सबसे कठिन फसलों में से एक मानी जाती है. धान की रोपाई के दौरान किसानों की उंगलियां भी चोटिल होती हैं और कमर दर्द की भी शिकायत होने लगती है. खेत अगर बड़ा हो तो ये काम और भी भारी हो जाता है. इसलिए राइस ट्रांसप्लांटर किसानों की इस समस्या का सबसे सही समाधान है.
राइस ट्रांसप्लांटर धान के पौध को बिना नुकसान पहुंचाए नाजुक मिट्टी में रोप सकता है. इस मशीन से सधी हुई और निश्चित दूरी पर रोपाई होती है, जिसके कारण फसल की पैदावार और उत्पादकता दोनों बढ़ती है.
इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि पैडी ट्रांसप्लाटंर मशीन से किसान 2 घंटे प्रति एकड़ के हिसाब से धान की रोपाई कर सकते हैं. राइस ट्रांसप्लांटर मशीन एक ही बार में 4 से लेकर 8 कतारों में एक साथ रोपाई करते हुए चलती है.
इतना ही नहीं यह मशीन रोपाई के वक्त पौधों को एक समान दूरी पर लगाती है, जिससे निराई-गुड़ाई और दवाओं के छिड़काव के वक्त पौधे नहीं दबते.
1. राइडिंग टाइप - राइडिंग टाइप पैडी ट्रांसप्लांटर एक तरह का मिनी ट्रैक्टर ही होता है, लेकिन इसका हल्का वजन मिट्टी को बिना नुकसान पहुंचाए धान के खेत में चलता है. इस तरह के राइस ट्रांसप्लांटर से किसान इसी पर बैठकर खेत में रोपाई करते हैं. ये एक साथ 6 से 8 लाइनों में रोपाई करते हुए चलते हैं.
2. वॉकिंग टाइप - इस तहर का ट्रांसप्लांटर खुद से संचालित करना पड़ता है. वॉकिंग टाइप ट्रांसप्लांटर मशीन बहुत ही बेसिक होती है. इसे आपको पीछे से धक्का देना होगा और रोपाई के लिए सेटिंग खुद से मिलानी होती है. इस तरह के ट्रांसप्लांटर का रखरखाव ज्यादा किफायती होता है, लेकिन ये एक साथ सिर्फ 4-लाइनों की ही रोपाई कर सकता है.
यानमार, महिंद्रा, कुबोटा राइस ट्रांसप्लांटर की सबसे जानी-मानी कंपनियां हैं. राइस ट्रांसप्लांटर में महिंद्रा LV63A, कुबोटा एसपीवी-8, यानमार AP4 सबसे लोकप्रिय राइस ट्रांसप्लांटर हैं और ये आसानी से उपलब्ध होते हैं. राइस ट्रांसप्लांटर की अनुमानित कीमत 1,90,000 से 19,84,500 लाख रुपए तक जाती है.
बता दें कि सरकार की ओर से कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन योजना के तहत धान के किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी भी दी जाती है. एसएमएएम योजना के तहत किसान भाई राइस ट्रांसप्लांटर पर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं.
इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, छोटे व श्रमिक किसान और महिलाओं को राइस ट्रांसप्लांटर की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 8 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है. वहीं अन्य वर्गों के किसानों को राइस ट्रांसप्लांटर पर 40 प्रतिशत या अधिकतम 6.50 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाता है.
राइस ट्रांसप्लांटर पर सब्सिडी पाने के लिए https://agrimachinery.nic.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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