कपास की खेती के लिए काल बनी गुलाबी सुंडी, बचाव के लिए क्या करें किसान?

कपास की खेती के लिए काल बनी गुलाबी सुंडी, बचाव के लिए क्या करें किसान?

विशेषज्ञों का कहना है कि गुलाबी सुंडी दुनिया भर में लगभग 1.2 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर उगाई कपास की पैदावार को प्रभावित कर रही है. इसके अटैक के कारण कपास की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है. गुलाबी सुंडी टिंडे के भीतर से अपना आहार ग्रहण करती है, जिसके कारण इसके प्रकोप को रोका नहीं जा सकता.

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कपास की खेती के लिए काल बनी गुलाबी सुंडी, बचाव के लिए क्या करें किसान?कपास की खेती

देश और दुनिया में जहां भी कपास की खेती हो रही है वहां किसान गुलाबी सुंडी से परेशान हैं. यह कीड़ा कपास का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसके कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. विशेषज्ञों का कहना है कि गुलाबी सुंडी दुनिया भर में लगभग 1.2 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर उगाई कपास की पैदावार को प्रभावित कर रही है. इसके अटैक के कारण कपास की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है. गुलाबी सुंडी टिंडे के भीतर से अपना आहार ग्रहण करती है, जिसके कारण इसके प्रकोप को रोका नहीं जा सकता. इसके बचाव का काम ज्यादा लाभदायक है. किसानों को गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के बारे में भरपूर जानकारी का होना बहुत जरूरी है. 

कृषि वैज्ञानिकों ने इससे बचाव की जानकारी दी है. गुलाबी सुंडी एक ऐसा कीड़ा है, जो कपास के विकसित होते फलों पर अंडा देता है. इस तरह वो फलों के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचाता है. लार्वा इसे चट करने के लिए बीजों के गोलाकार कोष में प्रवेश कर जाते हैं, जिन्हें बॉल्स कहा जाता है. इसके अंदर वो कीटनाशकों से सुरक्षित हो जाते हैं, क्योंकि कीटनाशकों के छिड़काव का उसके अंदर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

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किसानों के लिए वैज्ञानिकों की सलाह

  • जिन किसानों के खेतों में गुलाबी सुंडी की समस्या रही हो वे किसान फसलचक्र बदलकर खरीफ में कोई भी अन्य फसल उगाएं, जिससे इसका जीवनचक्र तोड़ा जा सके.
  • कपास की बिजाई 15 मई तक अवश्य पूरी कर लें. बिजाई पूर्व-पश्चिम दिशा में करनी लाभकारी होती है.
  • कपास की फसल में निगरानी के लिए फूलों की शुरुआत होने पर 2-3 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से अवश्य लगाएं.
  • फूल डोडी व फूल आने की अवस्था से ही कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप की निगरानी के लिए प्रतिदिन सुबह व शाम को खेत का निरीक्षण करते रहें. प्रतिदिन नीचे गिरे टिंडों, फूल, डोडी आदि को एकत्रित कर नष्ट करते रहें.
  • किसानों को सिफारिश से अधिक मात्रा में नाइट्रोजन का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  • जिस कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप हुआ हो, उस कपास को घरों या खेतों के नजदीक गोदामों में भंडारित नहीं करना चाहिए. कपास मिलों व अनाज मंडियों, गोदामों के आसपास, बीज प्रसंस्करण प्लांट, बीज की दुकानों के पास फेरोमेन ट्रैप लगाने चाहिए. इनमें आए पतंगों को मार देना चाहिए.यह कार्य कपास की फसल के समय व उसके बाद वर्षभर करना चाहिए.

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