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Kheti Jugad: आपने नहीं देखा होगा ऐसा देसी जुगाड़, दवाई छिड़कने का घंटों का काम मिनटों में होता है

Kheti Jugad: आपने नहीं देखा होगा ऐसा देसी जुगाड़, दवाई छिड़कने का घंटों का काम मिनटों में होता है

सीमांत और छोटे किसान महंगे मशीन को नहीं खरीद पाते हैं. किसानों की ऐसी ही परेशानियों का तोड़ इंदौर के शिवनगर गांव के एक किसान ने निकाला है. इस किसान ने ऐसा जुगाड़ तैयार किया कि दवाई छिड़कने के लिए घंटे का काम कुछ मिनटों में निपट जाता है. आइए जानते हैं इस देसी जुगाड़ के बारे में.

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किसान ने बनाया देसी जुगाड़ से मशीन किसान ने बनाया देसी जुगाड़ से मशीन

कहते हैं ना कि कुछ नया वही करता है जिसमें कुछ कर गुजरने का जुनून और जज्बा हो. साथ ही कुछ अलग करने की चाहत हो. अगर ऐसा जज्बा हो तो उसे कोई नहीं रोक सकता. ऐसा ही कर दिखाया है मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक किसान ने. इस किसान ने देसी जुगाड़ से पेस्टिसाइड दवाई छिड़कने वाली एक मशीन बनाई है. इस मशीन को जिले के सभी किसान पसंद कर रहे हैं. कम लागत में तैयार हुई इस जुगाड़ मशीन से दवाई छिड़कने का काम बेहतर ढंग से हो रहा है.

इतना ही नहीं, इसके इस्तेमाल से किसानों को समय की बचत हो रही है. इस मशीन का जलवा ये है कि दूर-दूर से किसान इसकी जानकारी लेकर इस जुगाड़ को अपनाना चाह रहे हैं. इस नई तकनीक से बनी मशीन के बारे में आप भी जानिए.

बेहतर है देसी जुगाड़ वाली मशीन

अब तक आपने दवाइयों को छिड़कने के लिए मैनुअल पंप तो बहुत देखे होंगे, जो पीठ पर बांधे जाते हैं और उसमें पेस्टिसाइड भरकर खेतों में दवाई का छिड़काव किया जाता है. हालांकि वर्तमान समय में इसका स्थान ट्रैक्टर चलित मशीनों ने ले लिया है, लेकिन दोनों ही तरीकों में मेहनत और समय अधिक लगता है. ऐसे में छोटे किसानों के लिए ये मशीन बेहतर है.

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मशीन बनाने का जानें तरीका

सीमांत और छोटे किसान महंगे मशीन को नहीं खरीद पाते हैं. किसानों की ऐसी ही परेशानियों का तोड़ इंदौर के शिवनगर गांव के एक किसान ने निकाला है. किसान ने ऐसा जुगाड़ तैयार किया कि दवाई छिड़कने के लिए जहां एक ओर समय की बचत होगी, वहीं दूसरी और मेहनत भी कम लगेगी. दरअसल इस मशीन को किसान ने एक पुरानी गाड़ी पर बड़ा सा डंडा बांधकर उसमें स्प्रिंकलर लगाया है. स्प्रिंकलर की मदद से गाड़ी को खेत में घुमा कर बहुत ही कम समय में पेस्टिसाइड का छिड़काव कर देता है. साथ ही इस पंप को बनाने में हर एक बारीकी का ध्यान भी रखा गया है. जैसे कि टायर को बहुत ही पतला रखा गया जिससे कि वह फसल को नुकसान न पहुंचाए.

कम कीमत में बनेगा यह जुगाड़

इंदौर के किसान द्वारा बनाया गया यह जुगाड़ धीरे-धीरे आसपास के क्षेत्र में प्रचलित होने लगा है. इस मशीन को लेकर चर्चाएं जैसे-जैसे किसानों के बीच फैल रही हैं, वैसे-वैसे हर एक किसान अपने लिए इस पंप को बनाने में लगा हुआ है. इसमें इस्तेमाल होने वाले सामान आसपास मिल जाते हैं. इसमें जिस गाड़ी (बाइक) का इस्तेमाल किया जाता है वह भी पुरानी होती है. इसके अलावा पेस्टिसाइड पानी में मिलाकर भरने के लिए रेगुलर पानी की टंकी का उपयोग किया जाता है. किसान के मुताबिक, अगर आपके पास पुरानी बाइक है, तो आप सिर्फ 5 हजार रुपये खर्च कर के ये जुगाड़ वाली मशीन बना सकते हैं.