भारत में सदियों से पारंपरिक खेती होती आ रही है. जिसके लिए पानी, हवा और मिट्टी की जरूरत होती है. लेकिन बदलते वक्त के साथ खेती में भी कई बदलाव देखने को मिले हैं. अब किसान बिना मिट्टी के भी आसानी से खेती कर सकते हैं. जी हां, सुनने में यह बहुत अजीब लग सकता है लेकिन अब विज्ञान और तकनीक की मदद से किसान बिना मिट्टी के भी फसल उगा सकते हैं. इसमें न तो खाद की जरूरत होती है और न ही ज्यादा पानी की. आइए जानते हैं क्या है यह तकनीक और किसान इसका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक्स एक आधुनिक खेती की तकनीक है जिसमें मिट्टी की जगह पानी का उपयोग किया जाता है. इसमें पौधों को पोषक तत्वों से भरपूर पानी में उगाया जाता है. यह तकनीक न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि किसानों के लिए भी अधिक उत्पादकता और कम लागत का जरिया बन सकती है.
हाइड्रोपोनिक्स खेती, जिसे एक्वाकल्चर के रूप में भी जाना जाता है, में पौधों को मिट्टी के बजाय पानी और पोषक तत्वों के घोल में उगाया जाता है, जिससे कई लाभ मिलते हैं, जैसे पानी का कम उपयोग, तेजी से विकास, और साल भर फसल उगाने की क्षमता. आइए जानते हैं इसके फायदे.
हाइड्रोपोनिक्स में मिट्टी का उपयोग नहीं होता. इसका मतलब है कि इस तकनीक को ऐसे क्षेत्रों में भी अपनाया जा सकता है जहां मिट्टी की कमी हो यानी रेगिस्तान में या मिट्टी की क्वालिटी खराब हो.
ये भी पढ़ें: करेले की स्टार किस्म देगी बंपर पैदावार, सस्ते में यहां से ऑनलाइन खरीदें बीज
पारंपरिक खेती में पानी की अधिक खपत होती है, लेकिन हाइड्रोपोनिक्स में पानी की खपत बहुत कम होती है. इसमें पानी को बार-बार री-सर्कुलेट किया जाता है, जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती जिससे हम पानी की बचत बड़े पैमाने पर सकते हैं.
हाइड्रोपोनिक्स खेती में कम जगह में अधिक फसल उगाई जा सकती है. यह तकनीक शहरी क्षेत्रों में भी आसानी से अपनाई जा सकती है, जहां जगह की कमी के कारण किसान खेती करना छोड़ देते हैं. इस तकनीक की वजह से किसान छोटी सी जमीन का बेहतर उपयोग कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: इफको ने लगाई मुनाफे की हैट्रिक, इस बार 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के फायदे की उम्मीद!
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से उगाई गई फसलें बेहद स्वच्छ होती हैं और इनमें कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता. इसके कारण फसलें स्वस्थ और अच्छी क्वालिटी वाली होती हैं.
हाइड्रोपोनिक्स खेती में जलवायु और पोषक तत्वों का बेहतर नियंत्रण होता है. किसान इस तकनीक के माध्यम से तापमान, नमी और पोषण का सही तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं, जिससे फसल की क्वालिटी और उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है.
आजकल हाइड्रोपोनिक्स खेती न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह किसानों को अधिक उत्पादन, कम लागत और बेहतर फसल देने का एक आधुनिक तरीका है. इसके अलावा, यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी मददगार साबित हो सकती है. जैसे-जैसे हाइड्रोपोनिक्स तकनीक को अपनाया जाएगा, यह कृषि के क्षेत्र में एक नया बदलाव ला सकता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today