खेती किसानी से देश को विशेष पहचान मिली है. देश में अनाजों के अलावा दलहन, तिलहन, फल, सब्जियां, मसाले, औषधीय पौधों की खूब खेती की जाती है इसके साथ साथ उद्योगों को चलाने के लिए भी कृषि का योगदान रहा है जिसमें से वस्त्र उद्योग (textile industry) प्रमुख है.
हम सभी जानते हैं कि कपड़े कपास से बनाए जाते हैं और कपास की भी खेती होती है, इसके खेती की बात करें तो गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों में बड़े पैमाने में की जाती है. कपास की खेती के बाद कॉटन की तुड़ाई करना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है, पूरे खेत से कपास की एक एक गांठ को तोड़ने में बहुत वक्त और मेहनत लगती है लेकिन कृषि यंत्रों की मदद से अब खेती बहुत ही सहज हो गई है. कपास तुड़ाई के लिए भी कपास प्लकर मशीन उपलब्ध है जो किसानों के समय और मेहनत की काफी बचत करती है आइए जानते हैं इस मशीन के बारे में.
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हम जानते हैं कि कपास उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है, विदेशों में कपास की कटाई के लिए प्लकर मशीन का उपयोग होता है जिसके कारण इसकी तुड़वाई आसान है. भारत में भी मशीनों से कपास की कटाई सफल रही है, इस मशीन की बात करें तो किसानों की सभी बुनियादी सहूलियत को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
इसका वजन 500-600 ग्राम का होता है इसमें अंदर की तरफ रोलर की जोड़ी होती है और बाहर कटर लगे होते हैं मशीन के निचले भाग में थैली या पॉलीथिन को मशीन से जोड़ा जाता है, मशीन को कपास के पास ले जाते ही कटर से कपास कटती है और रोलर्स की मदद से नीचे थैले में शुद्ध कपास गिरता है. यह मशीन कपास प्राप्त करने को यह जल्दी और आसान बनाती है.
यंत्रों का काम होता है व्यक्ति के समय और मेहनत की बचत करना. इस मशीन के इस से भी कपास कपास की कटाई बहुत ही सरलता से और कम समय में पूरी होती है, साथ ही कटाई के लिए अधिक मजदूर लगाने की भी जरूरत नहीं होती जिसकी वजह से लागत में काफी कमी आती है, वहीं कपास की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है. इस मशीन के उपयोग से महंगे कृषि यंत्रों पर निर्भरता कम देखी गई है.
इन फायदों के साथ अगर इस हाथ से चलने वाली मशीन के कीमत की बात की जाए तो यह अलग अलग ब्रांड के अनुसार होती है वहीं 1 मशीन के औसतन कीमत की बात करें तो 8-10 हजार रुपए है.
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