Crop pest control : मप्र के किसानों को कीट नियंत्रण के लिये खूब भा रहा सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल

Crop pest control : मप्र के किसानों को कीट नियंत्रण के लिये खूब भा रहा सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल

मध्य प्रदेश में किसानों के लिए फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों के प्रकोप से बचाने में Modern Technology मददगार साबित हो रही है. राज्य के किसानों ने कीट प्रबंधन पर फसल की लागत को बढ़ाए बिना सौर ऊर्जा से चलने वाले ऐसे लैंप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जो फसलों पर कीट प्रकोप के प्रभाव काे खत्म करने में सक्षम हैं.

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Crop pest control : मप्र के किसानों को कीट नियंत्रण के लिये खूब भा रहा सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल एमपी के किसान फसल में कीट प्रबंधन के लिए कर रहे सोलर लाइट ट्रेप का इस्तेमाल, फोटो: साभार मप्र सरकार

मध्य प्रदेश में श‍िवराज सिंह सरकार की ओर से किसानों को Solar Light Trap का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके सकारात्मक परिणाम बालाघाट जिले से मिलना शुरू हो चुके हैं. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि बालाघाट जिले में धान की पैदावार काफी अच्छी होती है. इस जिले के किसानों को धान एवं अन्य फसलों में कीट नियंत्रण के लिये National Food Security Mission यानी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर लाइट ट्रेप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों ने सोलर लाइट की पकड़ में आसानी से आने वाले कीड़ों से निजात पाकर अपनी उपज की गुणवत्ता एवं मात्रा में इजाफा करने में कामयाबी पा ली है.

किसानों के अनुभव

बालाघाट जिले में कटंगझरी गांव के किसान वीरेन्द्र धांद्रे सहित गांव के अन्य किसानों ने बताया कि वे धान सहित अन्य फसलों के कीट प्रबंधन  पर हर साल कीटनाशक दवाओं की खरीद और इनके छिड़काव पर होने वाले खर्च के रूप में 5 से 10 हजार रुपये लगाते थे. इससे फसल पर कीटनाशकों के नकारात्मक प्रभाव तो पड़ता ही था, साथ में उपज लागत भी बढ़ जाती थी. इससे बचने के लिए अब वे सोलर लाइट ट्रेप का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं.

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कैसे काम करता है ट्रेप

धांद्रे ने बताया कि सोलर लाइट ट्रेप खेत में किसी निश्चित स्थान पर बांस के सहारे लगा दिया जाता है. इस यंत्र में अल्ट्रावायलेट लाइट लगी रहती है. सोलर लाइट में लगा सोलर पैनल दिन के समय धूप से चार्ज हो जाता है. रात में अंधेरा होने पर इस लाइट में लगे सेंसर की मदद से लाइट ट्रेप की बत्ती जल जाती है. खास किस्म की यह अल्ट्रावायलेट लाइट, फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती है.

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ये कीट रात के समय फसल पर अपना प्रकोप दिखाते हैं. सोलर लाइट ट्रेप में कीटों के आने के बाद कीट नीचे लगी जाली में फँस जाते हैं. इस प्रकार खेत में किसानों को तना छेदक तितली और अन्य कीटों से फसलों को बचाने में मदद मिलती है. इस यंत्र की मदद से किसान बगैर कीटनाशक दवाओं का उपयोग किए अपनी फसल को कीट प्रकोप से बचाने में सफल हो जाते हैं. 

उन्होंने बताया कि एक सोलर लाइट ट्रेप की क्षमता 3 से 5 एकड़ के खेत में कीट प्रबंधन करने की होती है. किसानों को यह यंत्र 2500 से 3500 हजार रुपये तक की कीमत पर बाजार में उपलब्ध हो जाता है. इसके इस्तेमाल पर राज्य सरकार की ओर से किसानों को प्रति हेक्टेयर 500 रुपये अनुदान राशि उपलब्ध कराई जा रही है. इस प्रकार किसानों के लिए इस यंत्र का इस्तेमाल करना हर लिहाज से मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है.

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