मध्यप्रदेश में पहली बार बोमा तकनीक से काले हिरण और नीलगायों को ट्रैंक्युलाइज किए बिना सुरक्षित स्थानांतरित किया जा रहा है. शाजापुर जिले से अब तक 34 हिरणों को गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया. इससे किसानों की फसलों का बचाव हो रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को कृषि मशीनों पर भारी सब्सिडी दे रही है. इसके लिए मशीनों की लिस्ट निकाली गई है जिस पर सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है. इन मशीनों पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसानों को 18 फरवरी तक आवेदन करना है. इसके लिए डिमांड ड्राफ्ट भी जमा करना है.
धान की बुवाई में लगने वाले खर्च और मजदूरी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय ने यह मशीन तैयार की है. चूंकि यह मशीन एक साथ कई काम कर सकती है, इसलिए किसानों की लागत और मेहनत बचाने में इसका बहुत बड़ा रोल होगा. अभी यह मशीन केवल डेमो के लिए है जिसका प्रदर्शन देखने के बाद मार्केट में उतारा जाएगा.
सूचना क्रांति के इस दौर में Artificial Intelligence (AI) अब खेती किसानी में भी किसानों के लिए मददगार साबित हो रहा है. इसकी बदौलत वैज्ञानिक किसानों के लिए ऐसे Mobile App विकसित कर रहे हैं, जो फसल प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों को आसान बना देते हैं. इस कड़ी में आईआईटी इंदौर ने ICAR के साथ मिलकर किसानों के लिए दो मोबाइल ऐप विकसित किए हैं.
मध्य प्रदेश की पंचायत ग्रामीण विकास एवं श्रम विभाग के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की बंगले में लगा नीम का पेड़ इन दिनों सुर्खियों में है. फिलहाल इस नीम की पेड़ की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब छाई हुई है क्योंकि इस पेड़ पर आम के फल लगे हैं. खुद मंत्री जी भी इस पेड़ पर लगे फल को देखकर अचंभित रह गए.
किसानों ने लिए Crop Input Cost को कम करना बड़ी चुनौती है. इसमें बड़ी मशीनों के इस्तेमाल पर लगने वाला ज्यादा पैसा, छोटे किसानों की कृषि लागत को बढ़ा रहा है. इससे small and marginal farmers को राहत देने के लिए बाजार में एक रीपर मशीन पेश की गई है. किसानों के लिए ये रीपर मशीन बहुत काम की साबित हो रही है.
जैविक खेती करने वाले किसानों की करें तो उनके पास कीटनाशक का इस्तेमाल करने के अधिक ऑप्शन नहीं होते हैं, इस कारण खेतों में कीट का प्रकोप होने पर अधिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. पर अब सोलर लाइट ट्रैप का विकल्प आ गया है. इसके इस्तेमाल का एक फायदा यह भी है
मध्य प्रदेश में किसानों के लिए फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों के प्रकोप से बचाने में Modern Technology मददगार साबित हो रही है. राज्य के किसानों ने कीट प्रबंधन पर फसल की लागत को बढ़ाए बिना सौर ऊर्जा से चलने वाले ऐसे लैंप का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जो फसलों पर कीट प्रकोप के प्रभाव काे खत्म करने में सक्षम हैं.
मिट्टी के बिना खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, मगर विज्ञान ने इसे मुमकिन कर दिखाया है. अब मिट्टी के बिना ही हवा में उपज ली जा सकती है. जिस तकनीक से इस अकल्पनीय खेती को करना मुमकिन हुआ है उसे एयरोपोनिक तकनीक कहते हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पहली हाईटेक नर्सरी युक्त एयरोपोनिक लैब जल्द बनेगी.
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