आगामी लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को हराने के मकसद से बने इंडिया ब्लॉक को आने वाले दिनों में एक बुरी खबर मिल सकती है. जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक इंडिया ब्लॉक के अहम दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (एसपी) उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान कर रहे हैं. वहीं, गठबंधन का तीसरा साथी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) कुछ नाखुश है. बताया जा रहा है कि अभी तक उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि पार्टी राज्य में किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
19 जनवरी को एसपी और आरएलडी ने सीटों के बंटवारे पर समझौता किया, जिसमें जयंत चौधरी के नेतृत्व वाली पार्टी को सात सीटें मिलीं. कई विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि जयंत हो सकता है कि चुनावों से पहले बीजेपी से हाथ मिला लें. अगर ऐसा होता है तो फिर यह पश्चिम उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक के लिए बड़ा झटका साबित होगा. हालांकि आरएलडी ने सीट-बंटवारे पर टिप्पणी करने से परहेज किया है. पार्टी नेताओं की मानें तो अगर कांग्रेस और अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी के बीच बातचीत असफल रहती है तो वह एसपी का पक्ष लेगी.
पार्टी के नेताओं की मानें तो कांग्रेस और एसपी के बीच जो कुछ भी होता है, उसके बावजूद हम एसपी के साथ अपना गठबंधन जारी रखेंगे. उनकी मानें तो कांग्रेस के साथ जाना पार्टी के लिए नुकसान का सौदा साबित होगा. उनका कहना है कि कांग्रेस के पास राज्य में मतदाता आधार की कमी है. रालोद के नेताओं की मानें तो रालोद को कौन सी सीटें मिलेंगी, इस पर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. इस वजह से उन नेताओं में कुछ चिंता पैदा हो गई है जो रालोद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
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आरएलडी नेताओं में गठबंधन को लेकर जो असंतोष दिख रहा है उससे लगता है कि आरएलडी चुनावों से पहले बड़ी चाल चल सकती है. आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दकी ने कुछ दिनों पहले बीजेपी लीडर्स को कांग्रेस की तुलना में ज्यादा प्रोफेशनल बताया था. सोशल मीडिया पर भी जयंत के एनडीए में जाने की अटकलें लगाईं जा रही हैं. इसका मुख्य कारण सीटों के नाम को लेकर होने वाला मतभेद बताया जा रहा है. साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रालोद ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था.
यूपी और देश के बाकी हिस्सों में जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसे कई विश्लेषक फिर से एनडीए के सत्ता में काबिज होने की बात कह रहे हैं. सीटों के बंटवारे को लेकर सपा और कांग्रेस को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने 16 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की जिससे कांग्रेस हैरान है. दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं क्योंकि सपा ने यह घोषणा करके कांग्रेस को 'आश्चर्यचकित' कर दिया है कि उसके लिए 11 सीटें छोड़ी जाएंगी. कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
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