झारखंड की सियासत में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी ड्रामे का अंत हो गया. राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर चंपई सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव में जीत हासिल कर ली. उनके पक्ष में 47 विधायको के वोट पड़े. झारखंड विधानसभा में आयोजित फ्लोर टेस्ट में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए. फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए ईडी के अधिकारी उन्हें लेकर आए थे. फ्लोर टेस्ट के दौरान हेमंत सोरेन ने भी विधानसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने केंद्र सरकार को आदिवासी विरोधी बताते हुए कहा कि सत्तारूढ़ सरकार आदिवासियों और दलितों के प्रति उदासीन है.
हेमंत सोरेन ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो चाहते हैं कि आदिवासी जंगल में रहें. पर हेमंत हार नहीं मानेंगे. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि मुझे जेल में डालने के बाद वे अपने एजेंडे में सफल हो जाएंगे. लेकिन हम संघर्ष करना जारी रखेंगे. उन्हें लगता है कि वे मुझे गिरफ्तार करके अपनी साजिश को पूरा कर सकते हैं लेकिन यह झारखंड है और राज्य के हर कोने में आदिवासियों और दलितों ने अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है. यह स्वतंत्रता संग्राम से भी पहले की बात है. पूर्व सीएम ने कहा कि ईडी, सीबीआई, आईटी ने भगोड़ों को गिरफ्तार नहीं किया. वे कुछ नहीं कर सके, वे केवल आदिवासियों पर हमला कर सकते हैं. हम सभी चंपई सोरेन सरकार के साथ खड़े हैं.
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उन्होंने कहा कि 31 जनवरी भारतीय राजनीति के इतिहास के लिए एक काला दिन था. यह पहली बार था कि किसी सीएम या पूर्व सीएम को राजभवन में गिरफ्तार किया गया था. उनका समर्थन नहीं था, लेकिन इसके बावजूद वे योजना बनाकर आगे बढ़े और मुझे गिरफ्तार कर लिया. मेरी गिरफ्तारी की पटकथा 2022 से ही तैयार थी. उन्होंने बर्तन को धीमी आंच पर उबलने के लिए रख दिया और आख़िरकार इसे मेरे ख़िलाफ़ इस साजिश अंजाम दिया गया. पूर्व सीएम ने कहा कि बाबा अंबेडकर को एक बार अपना समुदाय छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा था. ऐसा लगता है कि इस देश में आदिवासियों और दलितों को अलग-थलग करने के लिए इसी तरह की योजना बनाई जा रही है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि जब से आदिवासियों ने झारखंड के लिए अलग राज्य की मांग की है, तब से उन्होंने बाधाएं खड़ी कर दी हैं. अगर मैं हवाई जहाज से यात्रा करता हूं, या 5 स्टार में रहता हूं या बीएमडब्ल्यू में जाता हूं तो उन्हें समस्या होती है. उन्होंने कहा कि हमें ईडी से सीखना चाहिए कि कानून प्रवर्तन एजेंसी कैसे बनें और कानून का दुरुपयोग कैसे करें. मैं आदिवासियों, दलितों और पिछड़ी जाति को बताना चाहता हूं कि आप सभी का शोषण करने के लिए एक नई साजिश रची जा रही है. यदि आप कमजोर हो गए तो आने वाली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी. मैंने उनसे कहा कि फिर स्पीकर से आदेश पारित कराएं. अभी तो यही परिदृश्य है.
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हेमंत सोरेन ने ईडी को चुनौती दी कि वह जमीन उनके नाम पर होने के दस्तावेज दिखाए. साथ ही कहा कि अगर ईडी ने जमीन पर उनके नाम दिखा दिए तो वो राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि समय आने पर हम उनकी सभी साजिशों का जवाब देंगे. झारखंड के गठन के बाद से हम सभी जानते हैं कि राज्य के लिए किसने काम किया है. वे केवल 2019 के बाद घोटाले देख रहे हैं, क्या वे 2000 के दशक में हुए घोटाले नहीं देख सकते हैं, वे नहीं चाहते कि आदिवासी राज्य के प्रमुख बनें, या आईएएस, या आईपीएस बनें. उन्होंने आदिवासी नेताओं को शांतिपूर्वक 5 साल की सरकार चलाने की इजाजत नहीं दी और मुझे पता था कि मेरा भी यही हश्र होगा.
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