लोकसभा चुनावों के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को किसानों का गुस्सा भी झेलना पड़ रहा है. पार्टी के कई उम्मीदवारों को प्रदर्शन करने में काफी मु़श्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी के कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार नवीन जिंदल को भी गुरुवार को किसानों के गुस्से से दो-चार होना पड़ा. जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार कुरुक्षेत्र के कैथल में गुस्साए किसानों ने जिंदल का रास्ता रोका और उन्हें प्रचार करने नहीं दिया.
भारतीय किसान यूनियन (सर छोटू राम) के किसानों के एक समूह ने कैथल की सीवान तहसील में बीजेपी के कुरुक्षेत्र उम्मीदवार नवीन जिंदल के काफिले को रोक दिया. गुट के जिला अध्यक्ष तिजेंदर सिंह खालसा ने कहा कि यूनियन के झंडे लेकर वे उनके नेतृत्व में पोलाद गांव के पास एकत्र हुए थे. जिंदल कई राजनीतिक कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए जिले की गुलहा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे, जब उनका काफिला रोका गया.
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जो वीडियो सामने आया है उसमें खालसा और उनके साथियों को कहते हुए सुना जा सकता है, 'जब हम दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और 700 से अधिक किसान शहीद हुए थे, तब आप कहां थे. खनौरी बॉर्डर पर हमारे किसान शुभकरण के सिर में गोली मार दी गई. कई लोगों की दृष्टि चली गई और उन्हें पीटा गया। हमने आपको दो बार चुना.' एक और अनुभवी किसान ने कहा, 'उन्होंने आपको कोयला चोर कहा और आप बीजेपी के ही पाले में कूद गए. आप जीवन भर राजा की तरह रहे और अब ईडी के डर से बीजेपी में शामिल होना पड़ा.'
उन्हें जवाब देते हुए जिंदल ने कहा, ''मैं ओपी जिंदल का बेटा हूं और किसी से नहीं डरता. मेरे खिलाफ मामला 10 साल पुराना है. मामला कमजोर है और अभी भी अदालत में है. उन्होंने (बीजेपी) मेरे खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया. यह 2013 में कांग्रेस सरकार के दौरान किया गया था.
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नवीन जिंदल ने आगे कहा, 'मैं लोगों की सेवा करने के लिए कई चर्चाओं के बाद पार्टी में शामिल हुआ. किसानों के मुद्दों पर, मैं यहां नया हूं. मैं उन्हें समझने की कोशिश करूंगा और जो भी सही होगा मैं उसके लिए लड़ूंगा. हमलोग आपके साथ हैं, बीजेपी आपके साथ है. हम जेल में बंद तीन किसानों के संबंध में आपकी मांगों को आगे रखेंगे. किसी को चोट लगना या गोली लग जाना बहुत दुखद है. लेकिन तब क्या हालात थे, इस पर चर्चा नहीं की जा सकती.'
बाद में बीजेपी नेता ने किसानों को उनकी मांग के साथ अपने घर पर आमंत्रित किया और जाने से पहले उन्हें गले लगाया. दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट में जिंदल ने लिखा कि उन्होंने किसानों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया. ग्रुप के प्रवक्ता बहादुर मेहला ने कहा कि 100 से अधिक किसान विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे, जिन्होंने उनके काफिले को रोका और अपनी मांगें रखीं.
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