यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि सहित अन्य विभागों के अहम प्रस्तावों मंजूरी दी गई. राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि गुड़ एवं खांंडसारी बनाने वाली लघु उद्योग इकाईयों को चीनी वर्ष 2022-2023 के लिए समाधान योजना के दायरे में लाया गया है. इसे लागू करने के लिए मंडी कानून, 1964 में संशोधन कर चीनी वर्ष 2022-2023 के दौरान समाधान योजना लागू करते हुए मौजूदा मंडी शुल्क 2 प्रतिशत को घटाकर 1 प्रतिशत किया गया है. खन्ना ने बताया कि कृषि से जुड़ा कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला खरीफ सीजन 2023-24 में मूल्य समर्थन योजना के तहत धान क्रय नीति को मंजूरी देते हुए धान का खरीद मूल्य 7 प्रतिशत बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि इसके तहत सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP 2183 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए धान का MSP 2203 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित है. इसमें 143 रुपये प्रति कुंतल की दर से 7 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है.
खन्ना ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में यूपी मंडी कानून में दर्ज कृषि उत्पादों के क्रय-विक्रय पर मंडी शुल्क एवं विकास सेस वसूल किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में खांडसारी उद्योग को बढ़ावा देते हुए मण्डी शुल्क की प्रभावी वसूली को बनाए रखने के लिए 1995-96 में गुड़ एवं खाण्डसारी की क्रशर इकाईयों के लिए मंडी शुल्क समाधान योजना लागू की गयी थी.
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खन्ना ने कहा कि यूपी में गुड़ एवं खाण्डसारी उद्योग का सीधा सम्बन्ध गांव में रहने वाले लाखों किसानों और मजदूरों से है. लघु उद्योग की श्रेणी वाली ये इकाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में ही रोजगार उपलब्ध कराकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में योगदान करती हैं. समाधान योजना के तहत खाण्डसारी इकाइयों को मिल रही राहत से गन्ना किसान भी लाभान्वित होते हैं. खन्ना ने कहा कि समाधान योजना लागू होने से खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तथा किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिल सकेगा. इससे मजदूरों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.
खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने चालू खरीफ सीजन 2023-24 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय नीति को मंजूरी दे दी है. इसमें सामान्य श्रेणी की धान का एमएसपी 2183 रुपये प्रति कुन्तल तथा ग्रेड-ए श्रेणी की धान का एमएसपी 2203 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है. यह धान की एमएसपी में 143 प्रति कुंतल की दर से 7 प्रतिशत का इजाफा है.
उन्होंने बताया कि साथ खाद्य विभाग एवं भारतीय खाद्य निगम सहित 06 एजेंसियां 4,000 क्रय केन्द्रों के माध्यम से पूरे प्रदेश में 70 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेंगी. खन्ना न स्पष्ट किया कि धान की खरीद के इस लक्ष्य को सभी क्रय एजेंसियों द्वारा हासिल करते हुए किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान भारत सरकार के PFMS Portal के माध्यम से 48 घंटे के भीतर किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत खाद्य विभाग राज्य में अपने 1350 क्रय केंद्र स्थापित करेगा. वहीं, यूपी सहकारी संघ यानी PCF द्वारा 1600, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड यानी PCU द्वारा 550, यूपी उपभोक्ता सहकारी संघ यानी UPSS द्वारा 200, यूपी राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद 100 तथा भारतीय खाद्य निगम 200 क्रय केन्द्र पूरे प्रदेश में खेलेंगे.
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वित्त मंत्री ने बताया कि इस नीति के तहत चालू खरीफ सीजन में हरदोई, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ और झांसी जिलों में धान क्रय की अवधि आगामी 01 अक्टूबर से अगले साल 31 जनवरी तक रहेगी. इसके अलावा लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज में यह अवधि आगामी 01 नवम्बर से अगले साल 29 फरवरी तक बरकरार रहेगी.
उन्होंने कहा कि स नीति के तहत एमएसपी पर धान बेचने के इच्छुक किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. पंजीकृत किसान, इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ परचेज मशीन के माध्यम से धान बेच सकेंगे. इस नीति के तहत हाइब्रिड धान बेचने के लिए किसानों को घोषणा पत्र या हाइब्रिड बीज की खरीद के प्रमाण पत्र में से किसी एक प्रपत्र को पेश करना होगा.
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों से धान की खरीद, आधार कार्ड और कम्प्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी के आधार पर की जाएगी. रेवेन्यू रिकॉर्ड के माध्यम से किसानों द्वारा बुआई किए गए रकबे का सत्यापन होगा. उन्होंने बताया कि धान के क्रय केंद्रों पर रविवार एवं सरकारी अवकाश को छोड़कर, शेष सभी कार्य दिवसों पर सुबह 09 बजे से शाम को 05 बजे तक किसान अपनी धान बेच सकेंगे. स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार जिलाधिकारी क्रय केन्द्र के खुलने व बन्द होने के समय में आवश्यक परिवर्तन कर सकेंगे.
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