यूपी में इस साल गेहूं की सरकारी खरीद के लिए मंडी परिषद द्वारा 6 हजार क्रय केंद्र खोले जाएंगे. इन केंद्रों पर आगामी 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी. सरकार ने किसानों से इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने को कहा है. साथ ही क्रय केंद्रों पर खरीद प्रक्रिया सुगमता से संचालित करने के निर्देश दिए हैं जिससे किसी भी दशा में किसानों को क्रय केन्द्रों से वापस न जाना पड़े. वही यूपी के कृषि उत्पादन आयुक्त सिंह ने क्रय केन्द्रों पर किसानों के बैठने, स्टाफ, उपकरण, बोरा, पेयजल एवं अन्य जरूरी इंतजामों की व्यवस्था समय से पूरी करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में जिन केंद्रों पर गेहूं की आवक संभावित हो, वहां गेहूं की खरीद प्रारम्भ की जाए. गौरतलब है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक रबी विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रदेश में किसानों से गेहूं की खरीद आगामी 1 अप्रैल से शुरू होगी.
मंडी परिषद द्वारा अवगत कराया गया कि क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद के लिए 12,796 इलेक्ट्रॉनिक कांटा, 6338 छलना, 5755 पंखा एवं विनोइंग फेन, 5786 नमी मापक यंत्र, 4493 पावर डस्टर और 2718 एनालिसेस किट उपलब्ध करा दी गई हैं. अभी नई फसल की आवक प्रारम्भ नहीं हुई हैं. मंडियों में गेहूं का मूल्य 2200 रुपये से 2300 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है. भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक ने अवगत कराया कि गेहूं के भंडारण हेतु गोदामों में पर्याप्त स्थान उपलब्ध है. यूपी के खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू ने बताया कि इस वर्ष गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है. कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार यूपी में इस वर्ष गेहूं का 362 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान है. विभाग ने गत वर्ष की ही तरह इस साल भी गेहूं की खरीद का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन रखा है.
ये भी पढ़ें- यूपी में बेमौसम बारिश से फसल और जानमाल का नुकसान, CM Yogi ने किया मुआवजे का ऐलान
इसकी खरीद के लिए मण्डी परिषद द्वारा 6 हजार क्रय केंद्र खोले जाएंगे. इनमें से खाद्य विभाग की विपणन शाखा के क्रय केंद्रों की संख्या 1250 होगी. इसके अलावा राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 250, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ) के 3450, उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन (यूपीपीसीयू) के 600, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) के 250, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के 50 एवं भारतीय खाद्य निगम के 150 क्रय केंद्र शामिल होंगे.
कृषि विभाग ने गेहूं की सरकारी खरीद में हिस्सा लेने के इच्छुक किसानों से पंजीकरण कराने को कहा है. विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बढ़चढ़ कर पंजीकरण करायें. इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है. विभाग ने पंजीकरण कराने वाले किसानों का सत्यापन भी समय से पूरा करने को कहा है. किसानों को खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है. पंजीकरण प्रक्रिया 1 मार्च से प्रारंभ हो चुकी है. प्रदेश में अब तक 20 हजार से अधिक किसानों का पंजीकरण हो गया है. पंजीकरण के दौरान किसान की जमीन एवं गेहूं के बोये गये रकबे का सत्यापन राजस्व विभाग की भूलेख संबंधी वेबसाइट से लिंकेज देकर ऑनलाइन कराया जायेगा.
किसानों को भुगतान पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में सत्यापन के उपरान्त यथासंभव 48 घंटे में कराने की व्यवस्था की गई है. गेहूं की खरीद ई-पॉप मशीन के माध्यम से किसानों के बायोमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन द्वारा क्रय केन्द्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी. विभाग द्वारा गेहूं के केंद्रों पर पॉवर डस्टर एवं अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें: उत्तर भारत के कई राज्यों में कहर बनकर गिरे ओले, खेतों में लहलहाती फसलें बर्बाद
ये भी पढ़ें: Rajma ki Kheti: इस वीडियो में जानिए कैसे होती है राजमे की खेती
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today