
देश में कई राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. उत्तर प्रदेश प्रदेश में भी कई नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिसके चलते कई गांवों और बड़े इलाकों में बाढ़ आ गई है. बाढ़ के कारण काफी बड़े क्षेत्र में फसलें तबाह हुई है. प्रदेश में आगरा, इटावा, पीलीभीत सहित कुछ जिलों में बाढ़ ने कहर बरपाया हुआ है. आगरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. थाना ताजगंज क्षेत्र के ग्राम बुढ़ाना में बड़ा हादसा होते-होते टल गया. गांव के पास यमुना नदी में बाढ़ के पानी से बने टापू पर चार लोग फंस गए थे. इसकी जानकारी जैसे ही पुलिस के पास पहुंची तो सभी को रेस्क्यू किया गया.
बताया गया कि लोगों क बाढ़ में फंसे होने की जानकारी मिलते ही चौकी तोरा थाना ताजगंज पुलिस ने राजस्व विभाग और जल चौकी ताज सुरक्षा पुलिस को अलर्ट किया गया. इसके बाद पुलिस टीम ने स्टीमर के जरिए त्वरित कार्रवाई करते हुए टापू पर पहुंचे और फंसे हुए रुस्तम (45 वर्ष), भीकम सिंह (50 वर्ष), उनकी पत्नी (35 वर्ष) और बेटे रोहित (13 वर्ष) को बारी-बारी से स्टीमर से रेस्क्यू किया गया. यमुना का रौद्र रूप अब शहर तक दिखाई दे रहा है. पोईया श्मशान घाट पूरी तरह पानी में डूब चुका है, जिससे अंतिम संस्कार में भी दिक्कत हो रही है. एडीएम वित्त और राजस्व शुभांगी शुक्ला ने पोईया घाट का निरीक्षण किया और हालात का जायजा लिया.
नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं. कई गांवों में घर और मकान डूब गए हैं. ग्रामीणों को खाने-पीने के सामान और पशुओं के चारे तक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तलहटी के गांव में इंसान और पशु बाढ़ के पानी में फंस गए हैं. गांव वालों ने अपने सामान को बाढ़ के पानी से बचने के लिए आविष्कार कर लिया है. एक खाट के नीचे दो ट्यूब लगा दिए हैं और वह खाट पानी में तैर रही है. एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर लंबी रस्सी बांधी है. खाट पर घर का सामान रखकर रस्सी के सहारे बाढ़ के पानी को पार कर सामान बचाया जा रहा है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यमुना नदी (वॉटर वर्क्स, आगरा) पर पानी का स्तर 151.645 मीटर पहुंच गया है, जो अलर्ट स्तर 151.400 मीटर से ऊपर है. वहीं, खतरे का स्तर 152.400 मीटर तय है. वहीं, चंबल नदी (पिनाहट) पर गेज 124.10 मीटर दर्ज किया गया है. यहां पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, हालांकि अभी खतरे के निशान से नीचे है.
आगरा की एडीएम वित्त और राजस्व शुभांगी शुक्ला ने कहा कि काफी लोग इकट्ठा होकर बाढ़ को देखने आए हैं. मेरी सबसे अपील है कि यहां ना आए. नदी के पानी से दूर रहें. गांव मेहरा नाहरगंज के 40 परिवारों को रोका गया है. उनका खाना प्राथमिक विद्यालय में चल रहा है.
वहीं, जनपद इटावा में भी यमुना और चंबल का जल स्तर बढ़ गया है और यह नदियां उफनाने लगी हैं. यमुना नदी खतरे के निशान 121.95 को पार कर चुकी है. नदी के नजदीक में बसे कई गांव कि फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है, चारों ओर पानी ही पानी होने से सब कुछ जलमग्न हो गया है. शहर में स्थित घाट और मंदिरों में जल भराव हो गया है और यह लगातार जल स्तर बढ़ रहा है. धूमनपुरा गांव में यमुना का जल प्रवेश कर गया है. वहां के मंदिरों में लगभग 8-10 फुट की ऊंचाई तक पानी भर गया है.
धूमनपुरा निवासी मिजाजी लाल का कहना है कि हमारे यहां की सभी फसलें डूब गई है. हम लोगों ने सब्जियों की फसल की थी, जो पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है. यहां पर यमुना का जलस्तर 10 फीट ऊंचाई तक प्रवेश कर गया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी अवनीश दुबे ने बताया कि गांवों में अभी पानी का प्रवेश नहीं हुआ है, लेकिन नीचे के स्थान पर जल भराव हो गया है.
यमुना का जलस्तर बढ़ने से किनारे के बसे गांव- बांसवारा, बढ़पुरा की मढैया आदि जरूर प्रभावित होते हैं, लेकिन इन जगहों पर हमारे जनपद के सभी अधिकारी सक्रिय हैं और बाढ़ चौकियां अलर्ट है. चकरनगर तहसील में चंबल नदी की वजह से 14 बाढ़ चौकिया, सदर तहसील में 13 बार चौकिया अलर्ट मोड पर है. (आगरा से अरविंद शर्मा और इटावा से अमित कुमार तिवारी की रिपोर्ट)
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