भारत की प्रमुख वेजिटेबल ऑयल संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के शीर्ष पदाधिकारियों और 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस में एक सप्ताह का ‘सनफ्लावर सीड कॉम्प्लेक्स स्टडी टूर’ शुरू किया है. इस दौरे का आयोजन रशियन एक्सपोर्ट सेंटर ग्रुप के सहयोग से किया गया है और SEA के अध्यक्ष संजीव अष्ठाना इसका नेतृत्व कर रहे हैं.
अष्ठाना ने बताया, "यह दौरा सूरजमुखी उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को समझने, उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग और एक्सपोर्ट तक की प्रत्यक्ष जानकारी लेने और रूस के किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों से मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने के उद्देश्य से किया गया है."
प्रतिनिधिमंडल में SEA के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता, पूर्व अध्यक्ष संदीप बजोरिया सहित कई प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं. इस टीम ने रूस के 30 से अधिक सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल और अन्य उत्पादों के निर्यातकों से चर्चा की.
भारतीय दूतावास, मास्को के अधिकारी अनुराग नयन (सेकंड सेक्रेटरी) और अनुग्रह ने रूबल-रुपया भुगतान प्रणाली के माध्यम से वित्तीय लेनदेन को सरल बनाने में मदद का आश्वासन दिया. डॉ. मेहता ने कहा, "भारतीय दूतावास के समर्थन से दोनों देशों के बीच व्यापार और मज़बूत होगा."
प्रतिनिधिमंडल ने रूस के वोरोनिज क्षेत्र का दौरा किया, जो अपनी उपजाऊ ब्लैक सॉइल के लिए जाना जाता है. वहां उन्होंने रूस की सबसे बड़ी खाद्य तेल कंपनी EFKO ग्रुप के अधिकारियों से मुलाकात की. उल्लेखनीय है कि EFKO ने पिछले साल लगभग 8 लाख टन सूरजमुखी तेल का निर्यात किया और भारत के साथ सहयोग बढ़ाने में रुचि जताई.
संदीप बजोरिया ने EFKO के ED एंटन ग्रिटसाए के साथ सूरजमुखी खेतों और कंपनी के R&D केंद्र का दौरा किया. उन्होंने कहा, "यह दौरा बेहद उपयोगी रहा, जिसमें हमने खेतों से लेकर उद्योग तक सब कुछ देखा."
भारत हर साल लगभग 35 लाख टन सूरजमुखी तेल आयात करता है, जिसमें से 20 लाख टन तेल अकेले रूस से आता है. ऐसे में रूस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है.
प्रतिनिधिमंडल ने Rusagro Group जैसे अग्रणी कृषि समूहों के प्रमुखों से भी मुलाकात की और कई रणनीतिक अवसरों पर विचार किया. “हिंदी-रूसी भाई-भाई” से “हिंदी-रूसी बिज़-बज़” की ओर यह सफर वाकई काबिल-ए-तारीफ है!”
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