भारतीय कपास निगम (CCI) ने खरीफ 2025-26 मार्केटिंग सीजन के लिए देश के प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में रिकॉर्ड 550 खरीद केंद्र बनाए हैं. कपास का मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से शुरू होने वाला है. उससे पहले सीसीआई ने खरीद केंद्र बनाकर किसानों को राहत दी है ताकि उन्हें अपनी उपज बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं आए.
सरकारी बयान के अनुसार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत कपास की खरीद:
सरकार ने इस साल के लिए मध्यम रेशा कपास का MSP 7,710 रुपये प्रति क्विंटल और लंबे रेशा कपास का MSP 8,110 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की जिसमें MSP योजना की तैयारियों की समीक्षा की गई. इस बैठक में वस्त्र सचिव नीलम शमी राव, संयुक्त सचिव (फाइबर) पद्मिनी सिंगला, CCI के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ललित कुमार गुप्ता और वस्त्र मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार कपास किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आने वाली कपास की MSP के तहत बिना किसी रुकावट के खरीद सुनिश्चित की जाएगी, जिसमें समय पर खरीद, पारदर्शिता और किसान के लिए खास सेवाओं पर जोर दिया जाएगा.
सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के अनुरूप, CCI की सभी खरीद प्रक्रियाएं — खरीद से लेकर स्टॉक की बिक्री तक — अब पूरी तरह पेपरलेस और फेसलेस होंगी, जिससे किसानों और अन्य हितधारकों का भरोसा मजबूत होगा. इस सत्र से शुरू होकर, देशभर के कपास किसान अपना पंजीकरण आधार आधारित “कपास-किसान” मोबाइल ऐप के माध्यम से कर सकेंगे. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए:
सरकार ने वस्त्र उद्योग को सस्ता कपास उपलब्ध कराने के लिए साल के अंत तक कपास पर 11% आयात शुल्क हटा दिया है, जिससे कीमतों में गिरावट की संभावना जताई जा रही है. CCI ने 2024-25 सत्र में 170 किलो प्रति गांठ के हिसाब से 1 करोड़ गांठ कपास की MSP पर खरीद की थी.
22 अगस्त 2025 तक किसानों ने खरीफ सत्र के दौरान लगभग 108.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुआई की है, जो पिछले साल के 111.39 लाख हेक्टेयर की तुलना में थोड़ी कम है.
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