भारी बारिश से मूंग की फसल पर मंडराया खतरा, कनार्टक-महाराष्‍ट्र में नुकसान, अब राजस्‍थान में सता रहा डर

भारी बारिश से मूंग की फसल पर मंडराया खतरा, कनार्टक-महाराष्‍ट्र में नुकसान, अब राजस्‍थान में सता रहा डर

अगस्त में कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश से खरीफ मूंग की फसल को नुकसान पहुंचा है. खराब गुणवत्ता और अधिक नमी के कारण मूंग के एमएसपी से नीचे बिक रही है.

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भारी बारिश से मूंग की फसल पर मंडराया खतरा, कनार्टक-महाराष्‍ट्र में नुकसान, अब राजस्‍थान में सता रहा डरमूंग फसल को नुकसान (सांकेतिक तस्‍वीर)

अगस्त में हुई भारी और लगातार बारिश खरीफ मूंग की अच्‍छी फसल की उम्मीदों पर पानी फेरती नजर आ रही है. कर्नाटक और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में कटाई के समय हुई बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचने की खबरें सामने आई हैं. वहीं, अगर ज्‍यादा बारिश का सिल‍सिला सितबंर में भी जारी रहा तो राजस्‍थान में भी फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है. भारत दाल और अनाज संघ (IPGA) के चेयरमैन बिमल कोठारी का कहना है कि नुकसान का सटीक आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी. 

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोठारी ने कहा कि वर्तमान में कर्नाटक से खराब क्‍वाल‍िटी वाली मूंग की जानकारी सामने आई है, लेकिन राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में स्थिति का स्पष्ट अंदाजा सितंबर के अंत तक ही लग पाएगा. राजस्थान में बारिश ने मिट्टी की नमी बढ़ाई है, जिससे फसल को फिलहाल सहारा मिला है. हालांकि, अगर बारिश सितंबर की शुरुआत के बाद भी जारी रहती है तो वहां की फसल भी प्रभावित हो सकती है.

कर्नाटक के इन जिलों में हुआ नुकसान 

वही, कर्नाटक में गडग, यादगीर, बागलकोट, धारवाड़ और कलबुर्गी जैसे जिलों में अगस्त के दौरान हुई भारी बारिश ने मूंग की फसल को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. गडग की मंडी में बुधवार को 10,930 क्विंटल मूंग की आवक हुई, जहां दाम न्यूनतम 409 रुपये से लेकर अधिकतम 10,121 रुपये प्रति क्विंटल रहे. जबकि सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 8,682 रुपये प्रति क्विंटल है. खराब गुणवत्ता और अधिक नमी वाली मूंग की मात्रा इस बार काफी ज्यादा है, जबकि अच्छी क्वालिटी की फसल बाजार में बहुत कम पहुंच रही है.

बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें

गडग और बागलकोट जिलों में अगस्त में क्रमशः 186 प्रतिशत और 164 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई. वहीं, यादगीर और कलबुर्गी में भी सामान्य से करीब 85 प्रतिशत ज्‍यादा बारिश हुई है और यही कटाई का समय था, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई. किसानों को उम्मीद थी कि इस बार दाम अच्छे मिलेंगे, लेकिन खराब क्वालिटी की वजह से उपज का दाम एमएसपी से नीचे मिल रहा है.

क्षेत्र बढ़ा, लेकिन पैदावार पर संकट

बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के ताजा खरीफ बुवाई आंकड़ों के अनुसार, इस साल देशभर में खरीफ मूंग की बुवाई का क्षेत्र मामूली रूप से बढ़कर 34.11 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 33.96 लाख हेक्टेयर था. लेकिन कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में वृद्धि उत्पादन में इजाफा नहीं कर पाएगी. कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई बारिश से उपज घटने की संभावना है.

उत्पादन पर असर की आशंका

पिछले खरीफ सीजन 2024 में मूंग का उत्पादन 17.47 लाख टन रहा था, जबकि साल 2024-25 में कुल उत्पादन 38.19 लाख टन दर्ज किया गया था. इस बार अत्यधिक बारिश की वजह से उत्पादन घटने की आशंका जताई जा रही है. 

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