उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF), नेफेड (NAFED) और केंद्रीय भंडार की ओर से तैनात मोबाइल वैनों को हरी झंडी दिखाकर सस्ती दरों पर प्याज की खुदरा बिक्री की शुरुआत की. अब आम लोगों को प्याज 24 प्रति किलो की रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी.
सरकार ने अपने बफर स्टॉक में भरपूर मात्रा में प्याज जमा किया है जहां से सस्ती दरों पर आम लोगों के लिए सप्लाई शुरू की जा रही है. प्याज के भंडारण का मुख्य उद्देश्य महंगाई के समय आम लोगों को सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराना है.
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि खाद्य महंगाई पर नियंत्रण केंद्र सरकार की प्राथमिकता है. हाल के महीनों में महंगाई दर में गिरावट आई है, जिसका श्रेय इन कीमत स्थिरीकरण उपायों (प्राइस स्टेबलाइजेशन स्कीम) को जाता है. जुलाई 2025 में खुदरा महंगाई दर 1.55% रही, जो पिछले आठ वर्षों में सबसे कम है.
प्याज की खुदरा बिक्री की यह योजना दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद से शुरू की गई है. NCCF, NAFED और केंद्रीय भंडार की वैनों और दुकानों के माध्यम से प्याज बेची जा रही है. जल्द ही इस योजना को देशभर में बढ़ावा दिया जाएगा.
साल 2025 में प्याज का उत्पादन 307.71 लाख टन आंका गया है, जो पिछले साल से 27% अधिक है. जुलाई में 1.06 लाख टन और अगस्त में 1.09 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है.
सरकार ने 3.00 लाख टन प्याज का भंडारण कीमतों को स्थिर रखने के लिए किया है, जिसे महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के रबी प्याज उत्पादक क्षेत्रों से किसानों से खरीदा गया है. भुगतान आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे किसानों को किया गया है और खरीदी में ई-महाभूमि पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता रखी गई है.
खरीद, भंडारण और वितरण की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए तकनीक आधारित एकीकृत प्रणाली अपनाई गई है. प्याज की क्वालिटी और मात्रा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी गोदामों का निरीक्षण कर रहे हैं.
प्याज की खुदरा बिक्री को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए इस साल सरकार के बनाए गए बफर स्टॉक के वितरण में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. NAFED ने पहली बार अपने मौजूदा "ट्रैक एंड ट्रेस" सॉफ्टवेयर के साथ एक नया डेडिकेटेड बिलिंग ऐप्लिकेशन लॉन्च किया है.
इस डिजिटल बिलिंग ऐप का इंटरफेस सरल और यूज़र-फ्रेंडली है, जिससे मोबाइल वैन ऑपरेटर आसानी से इसका उपयोग कर सकेंगे. यह ऐप सभी मोबाइल वैन चालकों के मोबाइल फोन में इंस्टॉल किया जाएगा.
ऐप के ज़रिए SMS, आधार या फोटोग्राफ के माध्यम से लाभार्थी की पहचान की पुष्टि की जाएगी, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और ट्रैक की जा सके.
यह पहल प्याज वितरण को बेहतर प्रबंधन देने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है.
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