
गर्मी के मौसम में ज्यादातर किसान खरबूजे (Melon cultivation) की फसल लगाते हैं. उनका मानना है कि इसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. बाराबंकी जिले के सैकड़ों किसान बड़े पैमाने पर हर साल खरबूजे की खेती करते आ रहे है. लेकिन इस साल इसकी खेती पर थोड़ा संकट छा गया है. दरअसल जिले में खरबूजे के बीज की कमी के कारण ज्यादातर किसान इसकी खेती नहीं कर सके. इस मामले में बाराबंकी के सांसद तनुज पुनिया ने यूपी सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही को जनपद के खरबूजा किसानों को इसका बीज न मिलने की समस्या पर पत्र भी लिखा था.
बीते 10 वर्षों से खरबूजे की खेती करने वाले बाराबंकी जिले के प्रगतिशील किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि फरवरी माह में खरबूजे के बीज का रोपण किया जाता है, लेकिन बीज नहीं मिल पाने के कारण कई किसानों ने महंगे दामों पर बीज खरीदकर थोड़ी बहुत फसल लगाई है. उन्होंने बताया कि जो खरबूजे का बीज 80 हजार रुपये प्रति किलो मिलता था, वो 1 लाख रुपये प्रति किलो तक बिका. वहीं कुछ किसानों ने बीज खरीदा और कुछ ने खरबूजे की खेती नहीं करने का फैसला लिया.
किसानों की समस्या पर सांसद तनुज पुनिया ने पत्र में लिखा, जब जिला कृषि अधिकारी से खरबूजे के बीज की कमी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि, खरबूजे का बीज बाहर से आता है, और सरकार के द्वारा आवंटित एजेंसी, जनपद में बीज की सप्लाई करती है. जिसका हमारा विभाग किसानों के हाथ ब्रिकी करता है.
विगत वर्ष एजेंसी के द्वारा 3 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया था, जिससे किसानों ने खेती की थी. लेकिन इस वर्ष सिर्फ 1 क्विंटल खरबूजा बीज एजेंसी से मिलने के कारण किसानों के सामने बीज की परेशानी खड़ी हुई है, जिस पर सांसद तनुज पुनिया ने प्रदेश के कृषि मंत्रालय से तत्काल इस गम्भीर प्रकरण में हस्ताक्षेप करते हुए कहा गया है कि, प्राथमिकता के आधार पर जनपद में खरबूजे के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये, जिससे समय रहते किसान अपनी खरबूजे की खेती कर सके और उसको बीज के लिये मजबूर न होना पड़े.
बाराबंकी के जिला उद्यान अधिकारी डॉ धीरेंद्र सिंह ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि खरबूजे के हाइब्रिड बीज के नियंत्रण जिला कृषि अधिकारी के नियंत्रण में होता है. उन्होंने बताया कि पहले बीज की कमी थी, लेकिन अब किसानों के उपलब्ध करा दिया गया है.
बाराबंकी के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि जिले में खरबूजा व तरबूज का बीज ताइवान देश से आ रहा है. खरबूजे का बीज 80-90 हजार रुपये प्रति किलो व तरबूज का 70 हजार रुपये प्रति किलो मिलता है. खेतों में लाइन से बोने के बाद पन्नी लगा दी जाती है. फसल तैयार होने पर जिले से खरबूजा व तरबूज लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, बिहार, लुधियाना, बहराइच, बलरामपुर, दिल्ली की मंडियों में भेजा जाता है.
आदिल ने बताया कि खरबूजे को खाने से कई तरह के फायदे होते हैं. इसे खाने से शरीर में ठंडक रहती है. साथ ही पानी की कमी को दूर करता है. खरबूजे में ढेर सारे विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को गंभीर बीमारियों से बचाने में सक्षम हैं. साथ ही भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह किडनी की समस्या और कब्ज की समस्या को दूर करता है.
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