उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले के धनघटा विधानसभा क्षेत्र में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर अब तेजी से बढ़ने लगा है. खबर है कि धनघटा विधानसभा क्षेत्र के निचले इलाकों में सैकड़ों बीघा धान की खेती जलमग्न हो गई. इतना ही नहीं निचले इलाकों में बसे लगभग आधा दर्जन गांव भी इससे प्रभावित हो रहे है. किसानों के लिए अपने पशुओं के चारे का संकट बढ़ गया है. बाढ़ के पानी से गांव में आवागमन भी बाधित हुआ है. वहीं एमबीडी बांध पर रेन-कट और रैट होल पर मिट्टी से भरी बोरियां तैयार किया गया है, ताकी नदी का जलस्तर बढ़ने पर पानी बांध को प्रभावित ना कर सके.
बताया जा रहा है कि लगातार बारिश से घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. वहीं इस पूरे मामले पर अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि आपके माध्यम से जानकारी हुई है. लगातार एमबीडी बांध पर निगरानी बनी हुई है और किसानों की फसलों का नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. इसके साथ ही पशुओं के लिए चारा, दवाइयां, नाव आदि की व्यवस्था कराई जा रही है. नागरिकों को किसी किस्म की कोई समस्या नहीं होगी, उनके निदान के लिए पहले से ही इंतजाम कर लिए गए हैं.
दरअसल, यूपी के संतकबीर नगर जिले में बहने वाली घाघरा नदी खतरे के निशान से 4 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वहीं, घाघरा नदी के बढ़े हुए जल स्तर से आसपास के निचले इलाकों के लगभग आधा दर्जन गांव पानी से प्रभावित हो रहे हैं. इनमें खाले पुरवा, नेतवापुर, केवटहीया, चपरा पूर्वी जैसे गांव शामिल हैं. चपरा पूर्वी में पड़ने वाले प्राथमिक विद्यालय में तो पूरी तरह से पानी भर गया है और वहां बच्चों की पढ़ाई पुरी तरह से ठप है. पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है और गांवों के आस पास पानी से घिरने के कारण सैंकड़ों बीघा धान की खड़ी फसल पानी से प्रभावित हो रही है. इससे किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं बाढ़ का पानी आने से किसानों के पशुओं को भी चारे की दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है.
इस पूरे मामले पर अपर जिलाधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि घाघरा नदी का जलस्तर बढ़े अभी 2 दिन हुए हैं. हम धनघटा के एमबीडी बांध पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. वहां बांधों पर भी लगातार लोग काम कर रहे हैं, जैसा कि आपके माध्यम से वीडियो में दिखाया गया है. इसका दौरा कर जो प्रभावित गांव हैं, उनकी भी जांच करके पशुओं के लिए चारा, दवाइयां और ग्रामीणों के लिए भी उचित व्यवस्था की तैयारी की गई है. अगर ऐसी कोई परिस्थितियों बनती है तो हमारी व्यवस्था पूरी है. जो किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है, उनका भी आकलन कराकर नुकसान आकलन किया जाएगा. वहीं इस पूरे मामले पर प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पिछले तीन-चार दिनों से पानी लगातार बढ़ रहा है. फसलें बर्बाद हुई हैं, कई गांव पानी से घिर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई समुचित व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है.
(रिपोर्ट- आलमगिर)
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