किसान Off The Week: बाराबंकी के किसान आदिल कर रहे देसी खरबूजे की खेती, 3 महीने में की 2 लाख की कमाई

किसान Off The Week: बाराबंकी के किसान आदिल कर रहे देसी खरबूजे की खेती, 3 महीने में की 2 लाख की कमाई

बाराबंकी जिले के किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि देसी खरबूजे को खाने से कई तरह के फायदे होते हैं. इसे खाने से शरीर में ठंडक रहती है. साथ ही पानी की कमी को दूर करता है. बाजारों में इसकी बहुत मांग रहती है. इसलिए किसानों की भी इससे कमाई बढ़ती है.

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बाराबंकी के किसान आदिल कर रहे देसी खरबूजे की खेती, 3 महीने में की 2 लाख की कमाईखरबूजे से बढ़ी किसान की कमाई

Desi kharbuja ki Kheti: गर्मी के मौसम में ज्यादातर किसान देसी खरबूजे की फसल लगाते हैं. उनका मानना है कि इसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. एक ऐसे ही किसान हैं बाराबंकी जिले के मोहम्मद आदिल, जो अलग तरीके से देसी खरबूजे की खेती करते हैं. वे बताते हैं कि मैं हर वर्ष 2 एकड़ में देसी खरबूजे की खेती करता हूं और अच्छा मुनाफा कमा लेता हूं. मौजूदा समय में बाजार में देसी खरबूजे की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.

एक सीजन में 2 लाख की कमाई

किसान तक से बातचीत में बाराबंकी के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि करीब दो एकड़ में देसी खरबूजे की खेती कर रहे हैं. इस खेती से करीब उन्हें एक फसल पर 2 लाख रुपये कमाई हो जाती है जबकि लागत 2 एकड़ में 20 हजार रुपये के करीब आती है. उन्होंने बताया कि देसी खरबूजे की फसल 3 महीने तक चलती है. एक सीजन में अच्छी कमाई हो जाती है.

मल्चिंग बेड से देसी खरबूजे की खेती

मोहम्मद आदिल ने बताया कि खरबूजे की फसल तैयार करने के लिए सबसे पहले खेतों की अच्छी तरीके से जुताई की जाती है. उसके बाद जैविक खाद्य पदार्थ डाला जाती है और पूरे खेत में मल्चिंग बेड बनाकर रोपाई की जाती है. उन्होंने बताया कि इस बार बीज अच्छा मिला है और प्रत्येक पौधे से 4-5 किलो से अधिक माल निकल रहा है. उन्होंने बताया कि अगर हम मल्चिंग बेड के माध्यम से खेती करते हैं तो फसल में कम पानी की जरूरत पड़ती है. अधिक समय तक नमी बनी रहती है, जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होती है. साथ ही साथ मल्चिंग बेड के होने से खरपतवार की समस्या खत्म हो जाती है. 

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ड्रिपिंग और सिंचाई से मिली मदद

आदिल बताते हैं कि देसी खरबूजे की फसल को कीड़े-मकोड़े और फंगस की बीमारी से बचाने के लिए ड्रिपिंग और सिंचाई के माध्यम से खाद का प्रयोग करते हैं. खाद और कीटनाशक दवाओं के लिए स्प्रे का उपयोग करते हैं. खरबूजे की फसल करीब 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है. हमारे देसी खरबूजे की डिमांड बहुत ज्यादा रहती है. दूर-दूर से व्यापारी इस देसी खरबूजे को खरीदने के लिए यहां आते हैं. गोंडा, बहराइच, गोरखपुर और फैजाबाद के व्यापारी खेत से पूरा माल लोड करवाकर ले जाते हैं.

सेहत के लिए बेहद फायदेमंद

बाराबंकी जिले के किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि देसी खरबूजे को खाने से कई तरह के फायदे होते हैं. इसे खाने से शरीर में ठंडक रहती है. साथ ही पानी की कमी को दूर करता है. खरबूजे में ढेर सारे विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को गंभीर बीमारियों से बचाने में सक्षम हैं. साथ ही भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह किडनी की समस्या और कब्ज की समस्या को दूर करता है.

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