Orange Farming : नागपुर के संतरा को मात देगा बुंदेलखंड का ये संतरा, वैज्ञानिकों ने विकसित की संतरे की नई किस्म

Orange Farming : नागपुर के संतरा को मात देगा बुंदेलखंड का ये संतरा, वैज्ञानिकों ने विकसित की संतरे की नई किस्म

बुंदेलखंड इलाके की आबोहवा को संतरा एवं मौसंबी सहित अन्य खट्टे फलों की खेती के लिए भले ही मुफीद माना जाता हो, लेकिन रस और मिठास की बात की जाए तो नागपुर के संतरा सब पर भारी पड़ता है. Horticulture Scientists ने इस कमी को दूर करके बुंदेलखंड के लिए संतरा की ऐसी किस्म विकसित की है, जो नागपुर के संतरे को टक्कर देगी.

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Orange Farming : नागपुर के संतरा को मात देगा बुंदेलखंड का ये संतरा, वैज्ञानिकों ने विकसित की संतरे की नई किस्मबुंदेलखंड में उपजा संतरा देगा नागपुर के संतरा को टक्कर

नागपुर का संतरा अपनी मिठास के लिए देश दुनिया में खूब मशहूर है. स्वाद और रंग रूप में नागपुर के संतरा को अब बुंदेलखंड में उपजने वाला संतरा टक्कर देने के लिए तैयार है. झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृष‍ि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बुंदेलखंड में उपजाने के लिए संतरा की ऐसी किस्म विकसित की है, जो मिठास और रंग रूप में नागपुर के संतरा को भी मात देगी. Central Agriculture University के वैज्ञानिकों ने संतरा की जिन तीन किस्मों को विकसित किया है, वे बुंदेलखंड की जलवायु के अनुकूल हैं. चार साल के शोध में इनके आकार और रस की मात्रा को नागपुर के संतरा की तुलना में बेहतर पाया गया है.

ये किस्में हुई विकसित

कृष‍ि विश्वविद्यालय के बागवानी वैज्ञानिक डॉ रंजीत पॉल ने बताया कि संतरा और मौसंबी सहित अन्य नींबू वर्गीय फलों की खेती के लिए नागपुर और बुंदेलखंड की जलवायु एक समान है. सिर्फ हवा में नमी यानी Humidity के स्तर में मामूली अंतर पाए जाने के कारण बुंदेलखंड का संतरा रस और आकार में नागपुर के संतरा से पिछड़ जाता था.

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किसानों को इन तीन उन्नत किस्मों को उगाने के लिए वर्मी कंपोस्ट और काली मिट्टी का इस्तेमाल करना होगा. उन्होंने बताया कि Black Soil में Vermicompost का इस्तेमाल करके उपजाने पर जो फलत मिलेगी, वह आकार और रस की मात्रा में पहले से बहुत बेहतर होगी.

मिलेगी 3 साल में फलत

डॉ पॉल ने बताया कि पूसा राउंड और पूसा सरद किस्म की खेती बुंदेलखंड में Farmers Income को बढ़ाने का बेहतर माध्यम बन सकती है. उन्होंने बताया कि इसकी खेती करने पर 3 साल में ही Fruiting होने लगेगी.

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उन्होंने शोध के परिणामों के हवाले से बताया कि पूसा राउंड के एक पेड़ से एक सीजन में लगभग 390 फल मिलते हैं. इसके एक फल का वजन 293 ग्राम तक और रस की मात्रा 100 से 150 मिली तक मिलती है. वहीं पूसा सरद के एक पेड़ से एक सीजन में 347 फल मिलते हैं और फल का वजन 237 ग्राम तक होता है. इन किस्मों के एक पेड़ से 5 साल के भीतर 1 कुंतल तक फल मिलने लगते हैं.

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में किसानों के लिए इसकी व्यवसायिक खेती मुनाफे का सौदा है. किसान एक एकड़ जमीन पर कम से कम 200 पेड़ लगा कर इसकी व्यवस्थित खेती कर सकते हैं. इस प्रकार 5 साल के भीतर एक पेड़ से एक सीजन में 1 से 1.25 कुंतल तक फलत मिलने पर एक एकड़ के बाग से 200 कुंतल तक फल मिलना तय है. जूस बनाने वाली कंपनियां साल भर 40 से 50 रुपये प्रति किग्रा की कीमत पर खरीद करती हैं. इस प्रकार बुंदेलखंड के किसान संतरा मौसंबी की खेती से भरपूर मुनाफा कमा सकते हैं.

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