
उत्तर प्रदेश में आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है. आलू के किराए को लेकर कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन, भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक व उद्यान निदेशालय के अधिकारियों संग बैठक की गई. जहां साल 2025 में प्रदेश के निजी शीतगृहों का भंडारण प्रभार (किराया) नहीं बढ़ाने पर सहमति बनी. बता दें कि यूपी आलू एसोसिएशन ने आगरा में सामान्य आलू पर 20 रुपये और सफेद आलू पर 40 रुपये प्रति कुंटल किराया बढ़ाने की घोषणा की थी.
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा ने कहा कि कोल्ड स्टोर माफिया ने चिप्स सोना आलू का किराया 320 रुपए, सामान्य आलू का किराया 280 से 340 रुपए प्रति कुंतल तक बढ़ा दिया था. इस मामले में उद्यान निदेशालय लखनऊ में आलू के किराए में कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन द्वारा भाड़ा वृद्धि किए जाने को लेकर बैठक का आयोजन किया गया. वर्मा ने कहा कि इस बार आलू के दाम गिर रहे हैं. ऐसी स्थिति में शीतगृह का भाड़ा बढ़ाना उचित नहीं है.
शीतगृह एसोसिएशन द्वारा महंगी बिजली, मजदूरी का हवाला देते हुए कहा कि इसकी वृद्धि करना उनकी मजबूरी है. किसानों के आग्रह व निदेशक उद्यान के हस्तक्षेप से भाकियू अराजनैतिक व कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के बीच भाड़े में वृद्धि न किए जाने का निर्णय लिया. वर्मा ने कहा कि आलू उत्पादन में डीजल, ट्रैक्टर पार्ट्स, खाद, कीटनाशक और फंगीसाइड की लागत में वृद्धि हुई है, लेकिन किसानों की उपज का मूल्य नहीं बढ़ा. ऐसे में स्टोर मालिकों द्वारा मनमानी तरीके से किराया बढ़ाना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं था..
इस पर भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन का आभार जताया. धर्मेन्द्र मलिक ने प्रदेश में मटर, टमाटर, गाजर के किसान खून के आंसू बहा रहे हैं. तीनों फसलों के दाम एक रुपये से दो रुपये किलो मिल रहे हैं. प्रदेश में तीनों फसलों पर बाजार हस्तक्षेप योजना को लागू किया जाना अनिवार्य है. उद्यान निदेशक द्वारा इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र लिखने का आश्वासन दिया गया.
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