UP Budget: यूपी में नेचुरल फार्मिंग के लिए मिले 124 करोड़, सोलर पंप पर 509 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितंबर, 2019 से लागू की गई है. कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारंभ किया गया है जिसके कारण चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के हेरफेर पर पूर्ण अंकुश लगा है.
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को प्रदेश सरकार का बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लगभग 03 करोड़ किसानों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित किसानों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया.
वित्त मंत्री ने कहा, पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना कराई गई. कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितंबर, 2019 से लागू की गई है. किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउंट मैकेनिज्म शुरू किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के हेरफेर पर पूर्ण अंकुश लगा है.
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2.73,000 करोड़ रुपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया. यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रुपये अधिक है. औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 43,364 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई. इसके लिए शोध संस्थानों के वैज्ञानिक, छात्र और हमारे परिश्रमी किसान बधाई के पात्र हैं.
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग
मध्य गंगा नहर परियोजन स्टेज-2, कनहर सिंचाई परियोजना, महाराजगंज में रोहिन नदी बैराज के पूर्ण होने पर 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित होगी जिससे 6.77 लाख कृषक लाभान्वित होंगे.
विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण, 2100 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण और डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है.
इन कार्यों से लगभग 238 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी और लगभग 2.12 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे.
नहरों और सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रदेश के 1750 असफल नलकूपों के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
डार्क जोन के असफल 569 नलकूपों के लिए लगभग 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
प्रदेश सरकार की ओर से 1551 बाढ़ परियोजनाएं पूर्ण की गई जिससे 32.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सुरक्षित हुआ है और करोड़ों की आबादी लाभान्वित हुई है.
कृषि के लिए घोषणाएं
प्रदेश में दलहनी और तिलहनी फसलों के क्षेत्राच्छादन, उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से निःशुल्क मिनीकिट वितरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है.
उक्त दोनों योजनाओं हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रदेश को प्रमाणित बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश बीज स्वावलंबन नीति, 2024 के अंतर्गत प्रदेश में सीड पार्क विकास परियोजना संचालित है, जिसके लिए 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
नेशनल मिशन आन नेचुरल फार्मिंग योजना के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिसके लिय 124 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पंपों की स्थापना कराई जा रही है जिसके लिए 509 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि क्षेत्र की क्षमता और कौशल विकास और उत्पादन वृद्धि की योजना के लिए 200 करोड़ रुपए और विश्व बैंक सहायतित यू.पी. एग्रीज परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि शिक्षा और अनुसंधान
कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार कार्यों में गतिशीलता बनाए रखने और प्रभावी परिणाम कृषकों को उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश में पांच कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित हैं.
प्रदेश में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है. प्रदेश में कुल 89 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं.
जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 86 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.