यूपी की योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर धान की सरकारी खरीद करने के लिए राज्यव्यापी स्तर पर पुख्ता इंतजाम किए हैं. सरकार का दावा है कि धान की खरीद में किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. गौरतलब है कि आज से शुरू हो रही धान की सरकारी खरीद का दौर अगले एक सप्ताह में जोर पकड़ेगा. राज्य के अधिकांश इलाकों में जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर मानसून की देरी के कारण किसानों को धान की रोपाई देर से करनी पड़ी थी. इस वजह से अभी तमाम इलाकों में धान की फसल पक कर तैयार हो रही है. पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में किसान धान की अगेती फसल बोने में कामयाब हो सके थे.
योगी सरकार की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए किसानों से सरकार दो श्रेणियों की धान खरीदेगी. इसमें 'धान कॉमन' को 2183 रुपये प्रति कुंतल की दर से और 'ग्रेड ए' को 2203 रुपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा जाएगा. यूपी का खाद्य एवं रसद विभाग किसानों से क्रय केंद्रों के माध्यम से धान एवं गेहूं सहित अन्य उपज की सरकारी खरीद करता है. इसके मद्देनजर विभाग एवं अन्य एजेंसियों के लगभग 4000 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं.
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यूपी सरकार राज्य के अलग अलग जोन में दो चरणों में धान की सरकारी खरीद करेगी. इसके तहत पश्चिमी जोन में लखनऊ मंडल के हरदोई, सीतापुर एवं लखीमपुर जिलों के अलावा बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर आगरा, अलीगढ़ और झांसी मंडल के सभी जिलों में इस साल 1 अक्टूबर से अगले साल 31 जनवरी तक एमएसपी पर धान की सरकारी खरीद होगी.
इसके अलावा प्रदेश के पूर्वी जोन में लखनऊ मंडल के रायबरेली, उन्नाव एवं लखनऊ जिलों के अलावा चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर और प्रयागराज मंडल के सभी जिलों में इस साल 1 नवंबर से अगले साल 28 फरवरी तक धान की खरीद होगी. विभाग के मुताबिक धान की बिक्री के लिए राज्य में अब तक 1 लाख 66 हजार 645 किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं.
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विभाग के मुताबिक एमएसपी पर धान की ऑनलाइन बिक्री के लिए किसानों को अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है. ऑनलाइन पंजीकरण के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड से लिंक किया हुआ बैंक खाता दर्ज करना होगा. धान के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाएगा.
बिक्री के समय Electronic Point of Purchase के मार्फत किसान के आधार कार्ड का प्रमाणीकरण किया जाएगा. किसानों से खरीदी गई धान को प्रदेश में कार्यरत 814 धान मिलों को दिया जाएगा. सरकार इन मिलों से चावल लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी PDS के माध्यम से गरीबी की रेखा से नीचे गुजर बसर कर रहे लोगों को वितरित करेगी. विभाग के अनुसार किसानों ये धान की खरीद 3752 क्रय केंद्रों पर हर दिन सुबह 9 बजे से सायं 5 बजे तक की जाएगी.
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