Farmer Suicide : अधिक बारिश ने बुंदेलखंड में किसानों की मुसीबत बढाई, दो किसानों ने जिंदगी गंवाई
अभी तक बारिश की कमी के कारण धान के किसानों को सूखे का संकट सता रहा था. यूपी में बीते चार दिनों में बादलों ने जरूरत से ज्यादा रहमदिली दिखा दी. इससे धान के किसानों को तो राहत मिली, लेकिन Kharif Crop में उड़द, मूंग और तिल की फसल बोने वाले छोटे किसानों के लिए बुंदेलखंड में बारिश मुसीबत बन गई. नतीजा, इस इलाके के दो किसान जिंदगी की जंग हार गए.
advertisement
बुंदेलखंड में हुई अत्यधिक बारिश ने उड़द की फसल काे चौपट किया, फोटो: किसान तक
यूपी में मौसम विभाग ने सितंबर के पहले सप्ताह में Heavy to very heavy rain का अलर्ट जारी किया था. इसके फलस्वरूप बुंदेलखंड सहित राज्य के तमाम इलाकों में पिछले कुछ दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. यह बारिश धान के किसानों के लिए भले ही सौगात बन कर आई हो, लेकिन खरीफ सीजन में मूंग, उड़द और तिल की फसल पर निर्भर रहने वाले लघु एवं सीमांत किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत का सबब बन गई है. पानी से लबालब भरे खेतों में दलहन और तिलहन की फसलें सड़ कर नष्ट हो गई हैं. कम जोत के छोटे किसानों के लिए खेतों का मंजर दिल दहला देने वाला है. इसे देखकर बीते दो दिनों मेंललितपुर जिले के दो किसान जिंदगी गंवा चुके है. एक किसान ने उड़द की उजड़ी फसल देखकर खुदकुशी कर ली और दूसरे किसान की मौत, दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गई.
हार्ट अटैक से खेत पर ही हुई मौत
पुलिस के अनुसार ललितपुर जिले में दो दिन में दो किसानों की मौत होने की बात सामने आई है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक ललितपुर जिले में महरौनी ब्लॉक के कुम्हैडी गांव के किसान विनोद मिश्रा रविवार की शाम को बारिश थमने पर खेत में अपनी उड़द की फसल देखने चले गए. जलमग्न फसल को देखकर 59 वर्षीय विनोद को खेत पर ही दिल का दौरा पड़ा और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई.
फसल बर्बाद होने से किसान की मौत होने की दूसरी घटना इसी जिले के जखौरा थाना क्षेत्र में बिनैकामाफी गांव की है. मृतक किसान के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने बताया कि इस गांव के किसान 45 वर्षीय कांशीराम ने लगभग 2.5 एकड़ खेत में उड़द की फसल बोई थी. जरूरत से ज्यादा बारिश होने के कारण किसान की पूरी फसल नष्ट हो गई. इससे परेशान होकर उसने खेत पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
कर्ज का बोझ था दोनों पर
अतिवृष्टि के कारण मौत के शिकार हुए दोनों किसान कर्ज के बोझ से दबे थे. परिजनों के मिली जानकारी के मुताबिक मृतक कांशीराम के भाई दुर्ग सिंह ने बताया कि उसका परिवार कर्ज के बोझ से दबा है. कांशीराम की तीन बेटियां और एक बेटा है. कुछ महीने पहले ही उसने साहूकार से ढाई लाख रुपये कर्ज लेकर बड़ी बेटी की शादी की थी. इस साल के अंत तक वह दूसरी बेटी की शादी करने की तैयारी कर रहा था. भाई पर पहले से ही किसान क्रेडिट कार्ड का ढाई लाख रुपये का कर्ज था. खरीफ की फसल से कर्ज चुकाने की आस टूटने का सदमा वह सहन नहीं कर पाया और खेत पर ही उसने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली.
दूसरे मामले में मृतक किसान विनोद मिश्र 6 एकड़ जमीन पर खेती करके परिवार का भरण पोषण करता था. परिजनों के मुताबिक उसके दो बेटे थे. बड़ा बेटा कोरोना में मारे जाने के बाद से विनोद परेशान रहता था. उस पर केसीसी का भी कर्ज था. जिसे वह दो साल से चुकाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन बार बार मौसम की मार के कारण वह कर्ज अदा नहीं कर पा रहा था. इस साल खरीफ की फसल अच्छी हुई थी, इससे उसे कर्ज अदा करने पाने की उम्मीद जगी थी, लेकिन फसल पकने से पहले ही बारिश की मार ने विनोद की उम्मीद को धो दिया.
बारिश से कहीं खुशी कहीं गम
बुंदेलखंड में मानसून की देर से हुई बारिश, किसानों के लिए मिलाजुला असर पैदा कर रही है. एक तरफ धान और मूंगफली की फसल के लिए यह बारिश सौगात बन कर आई है. इस साल खरीफ सीजन में मानसून के उतार चढ़ाव की वजह से धान, उड़द, मूंग, तिल और मूंगफली की फसल देर से बोई गई थी. जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुई बारिश के बाद अगस्त में तेज धूप ने इन फसलों के लिए सूखे की स्थिति उत्पन्न कर दी. धान के किसानों को फसल बचाने के लिए कुंआ, तालाब और नलकूप से सिंचाई करनी पड़ रही थी. वहीं दलहन और तिलहन की फसलें पानी की कमी के कारण सूखने की कगार पर थीं. इस बीच सितंबर के पहले सप्ताह में हुई जोरदार बारिश ने धान और मूंगफली की फसल काे तो राहत दे दी, लेकिन पानी की अधिकता को बर्दाश्त करने में उड़द, मूंग और तिल की फसलें नाकाम साबित हुई. इसका सीधा असर उन छोटे किसानों पर पड़ा जिनकी आजीविका के लिए खरीफ की ये सह फसलें हमेशा से सहायक साबित होती आई हैं.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अत्यधिक बारिश के मद्देनजर खरीफ सीजन की फसलों के लिए उपजे हालात की समीक्षा की है. उन्होंने सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश देते हुए अत्यधिक बारिश से फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजने को कहा है. उन्होंने कहा कि बारिश से जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है, उन्हें नियमानुसार मुआवजा राशि उपलब्ध कराई जा जाए.