एक्सपोर्ट बैन और ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) लाकर दाम घटाने की तमाम कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार इस साल गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है. इस बार बफर स्टॉक यानी सेंट्रल पूल के लिए गेहूं की पूरी खरीद सिर्फ 261.99 लाख मीट्रिक टन पर सिमट गई है. जबकि लक्ष्य 341.5 लाख मीट्रिक टन रखा गया था. यानी केंद्र सरकार रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के अपने गेहूं खरीद लक्ष्य से 79.51 लाख मीट्रिक टन पीछे रह गई है. अब यह टारगेट पूरा होने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती. एक भी राज्य अपने खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर सका है. दरअसल, ओपन मार्केट में एमएसपी से अच्छा दाम मिलने की वजह से किसानों ने या तो गेहूं को स्टॉक किया हुआ है या फिर व्यापारियों को बेच दिया है. अधिकांश शहरों में भाव एमएसपी यानी 2125 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर चल रहा है. ऐसे में किसान सरकार को गेहूं क्यों बेचेंगे?
उपभोक्ता मामले विभाग के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के अनुसार 17 जून को देश में गेहूं का औसत दाम 2644.65 रुपये प्रति क्विंटल रहा. हालांकि, सरकार ने गेहूं के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए 13 मई 2022 से इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है. दाम कम करने के लिए वो जनवरी में ओपन मार्केट सेल ले आई थी. जिसके तहत फ्लोर मिलर्स और कुछ सरकारी एजेंसियों को बहुत रियायती रेट पर 33 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया. लेकिन सरकार की इस कोशिश से न तो ज्यादा समय तक के लिए दाम कम हुआ और न तो बफर स्टॉक के लिए पूरी खरीद हो पाई. हां, जब गेहूं की फसल कट रही थी उस वक्त दाम कम हो गया था. जिससे किसानों को प्रति क्विंटल कम से कम 1000 रुपये का नुकसान जरूर हो गया था.
इसे भी पढ़ें: Kurukshetra Kisan Andolan: कुरुक्षेत्र किसान आंदोलन की शुरुआत और अंत की ये है पूरी कहानी
इस साल देश में सिर्फ 21,28,159 किसानों ने ही एमएसपी पर गेहूं बेचा. जबकि रबी मार्केटिंग सीजन 2021-22 में एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या 49,19,891 थी. सरकार पिछले साल यानी रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में भी गेहूं की खरीद पूरी नहीं कर पाई थी. वो 444 लाख मीट्रिक टन की जगह सिर्फ 187.92 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद सकी थी. इसलिए पिछले साल एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या सिर्फ 17,83,192 ही रह गई थी.
इसे भी पढ़ें: Anna Bhagya scheme: कर्नाटक को नहीं मिलेगा FCI से चावल, अब कैसे शुरू होगी अन्न भाग्य स्कीम?
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today