Wheat Procurement: इस साल 270 लाख टन भी नहीं पहुंचेगी गेहूं की सरकारी खरीद, बढ़ सकते हैं दाम

Wheat Procurement: इस साल 270 लाख टन भी नहीं पहुंचेगी गेहूं की सरकारी खरीद, बढ़ सकते हैं दाम

सरकारी एजेंस‍ियों को गेहूं बेचने के ल‍िए देश के 37,05,048 क‍िसानों ने रज‍िस्ट्रेशन करवाया था, लेक‍िन स‍िर्फ 21,03,237 क‍िसानों ने ही बेचा. बाकी क‍िसानों ने या तो अच्छे दाम की उम्मीद में गेहूं को अपने पास रोक ल‍िया है या फ‍िर सरकारी भाव से अध‍िक कीमत पर व्यापार‍ियों को बेच द‍िया है. 

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Wheat Procurement: इस साल 270 लाख टन भी नहीं पहुंचेगी गेहूं की सरकारी खरीद, बढ़ सकते हैं दाम देश में क‍ितनी हुई गेहूं खरीद.

गेहूं की सरकारी खरीद इस साल 270 लाख टन तक भी पहुंचने की उम्मीद नहीं है. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताब‍िक 26 जून तक स‍िर्फ 265.53 लाख टन गेहूं ही बफर स्टॉक (सेंट्रल पूल) के ल‍िए खरीदा जा सका है. जबक‍ि सरकार ने 372.9 लाख टन का टारगेट रखा था. 17 से 26 जून तक यानी प‍िछले 10 द‍िन में स‍िर्फ 14540 टन गेहूं ही खरीदा जा सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है क‍ि खरीद प्रक्रिया खत्म होते-होते आंकड़ा कहां आकर रुकेगा. आध‍िकार‍िक तौर पर गेहूं खरीद प्रक्रिया बंद होने में अब स‍िर्फ चार द‍िन बाकी हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में 30 जून को खरीद बंद हो जाएगी, बाकी सूबों में पहले ही खरीद बंद कर दी गई है. कुछ व‍िशेषज्ञों का अनुमान है क‍ि इस साल 266 लाख टन पर खरीद खत्म हो जाएगी. 

ऐसा हुआ तो सरकार अपने लक्ष्य से लगभग 107 लाख टन पीछे रह जाएगी. इससे बाजार में दाम बढ़ने का दबाव पड़ सकता है. देश में गेहूं की भले ही बंपर पैदावार हुई है लेक‍िन कम और अध‍िक सरकारी गेहूं स्टॉक का दाम बढ़ने और घटने पर असर पड़ता है. सरकार के पास कम स्टॉक होगा तो वो कीमतों को काबू में करने के ल‍िए बाजार में ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत सस्ता गेहूं नहीं दे पाएगी. ज‍िससे बाजार में तेजी का रुख कायम रह सकता है. अभी भी बाजार में गेहूं के दाम 2500 से 3000 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तक चल रहे हैं. 

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क‍ितना हुआ भुगतान 

इस साल देश के 37,05,048 क‍िसानों ने सरकारी एजेंस‍ियों को गेहूं बेचने के ल‍िए रज‍िस्ट्रेशन करवाया था लेक‍िन स‍िर्फ 21,03,237 क‍िसानों ने ही बेचा. बाकी क‍िसानों ने या तो अच्छे दाम की उम्मीद में गेहूं को अपने पास रोक ल‍िया है या फ‍िर सरकारी भाव यानी 2275 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल की एमएसपी से अध‍िक कीमत पर व्यापार‍ियों को बेच द‍िया है. बहरहाल, अब तक सरकार 20,21,266 क‍िसानों को 58,619 रुपये का एमएसपी के तौर पर भुगतान कर चुकी है. 

क‍िन राज्यों में सबसे ज्यादा खरीद 

इस साल 11 राज्यों में खरीद प्रक्रिया चल रही थी, ज‍िनमें से तीन राज्यों गुजरात, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में एक भी दाने की सरकारी खरीद नहीं हुई. ज‍िन चार राज्यों में सबसे अध‍िक खरीद हुई उनमें पंजाब सबसे ऊपर है. यहां 130 लाख टन के टारगेट के व‍िपरीत 124.54 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है. इस मामले में दूसरे नंबर पर हर‍ियाणा है जहां पर 80 लाख टन का टारगेट था और 71.15 लाख टन की खरीद हुई है. मध्य प्रदेश में 80 लाख टन की जगह 48.39 टन की खरीद हुई है. राजस्थान में 20 लाख मीट्र‍िक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया था और अब तक 12.02 लाख टन का आंकड़ा हास‍िल हो चुका है. 

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