बफर स्टॉक यानी सेंट्रल पूल में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले पंजाब और हरियाणा में आज एक अप्रैल से गेहूं की खरीद (Wheat Procurement) शुरू हो रही है. दोनों सूबों की मंडियों में इसके लिए खास इंतजाम किए गए हैं. पंजाब में 31 मई तक खरीद चलेगी. सरकार ने कहा है कि किसान सूखी और पक्की हुई फसल ही खरीद केंद्रों में लेकर आएं, ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े. खरीद केंद्र से स्टोरेज प्वाइंट तक गेहूं की ढुलाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम इस्तेमाल होगा, ताकि उनकी हर मूवमेंट पर सरकार की नजर रख सके. उधर, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि एक अप्रैल से प्रदेश भर में शुरू होने वाली गेहूं की खरीद प्रक्रिया को लेकर सभी पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं.
चौटाला ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की फसलों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और मंडी में आने वाले किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी. किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में 408 मंडियां निर्धारित की गई हैं. वो जींद जिले के उचाना कलां हलके में विभिन्न गांवों के दौरे के दौरान ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे. गेहूं खरीद प्रक्रिया में सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए बदलाव किया गया है. इसके तहत अब स्वयं किसान अपनी गेहूं खरीद का दिन तय करेंगे. यानी जिस दिन गेहूं बेचना है उसे खुद तय करेंगे.
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डिप्ठी सीएम ने कहा कि सरकार द्वारा एफसीआई, वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन, हैफेड तथा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीद के निर्देश दिए गए हैं. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए गेहूं का एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. किसान मंडियों में जितना गेहूं ले आएंगे उसका एक-एक दाना खरीदा जाएगा. खरीद पूरी होने के सिर्फ 72 घंटे के अंदर एमएसपी की रकम का भुगतान होगा. पैसा सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा.
हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद 28 मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन किसान बड़ी संख्या में मंडियों में सरसों लेकर आने लगे थे. इसलिए यह काम 15 मार्च से ही शुरू कर दिया गया. इस साल ओपन मार्केट में सरसों का दाम एमएसपी से कम है इसलिए किसान सरकार को सरसों बेचने पर जोर दे रहे हैं. इस बार सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल है. सरसों की खरीद के लिए सरकार ने 114 मंडियां तय की हुई हैं.
उधर, पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा खरीद प्रक्रिया के लिए 29000 करोड़ रुपये की नकद कर्ज सीमा (CCL) की मंजूरी दी गई है. खरीद के पहले दिन से किसानों को फसलों की अदायगी सुनिश्चित की जाएगी. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के किसी भी हिस्से में बारिश रुकने के 24 घंटों के अंदर-अंदर खरीद कार्य फिर से शुरू हो जाए. अधिकारियों से कहा गया है कि खरीद के दौरान बारिश पड़ने पर सक्शन मशीन और अपेक्षित लेबर उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
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