गेहूं की आवक बढ़ी, लेकिन धीमी उठान से हरियाणा की इन मंडियों में दिक्कत

गेहूं की आवक बढ़ी, लेकिन धीमी उठान से हरियाणा की इन मंडियों में दिक्कत

हरियाणा में गेहूं की खरीद में तेजी देखी जा रही है. इस बीच अधिक आवक होने के साथ ही मंडियों में जगह की कमी होने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अधिक आवक तो हो रही है लेकिन धीमी उठान होने से सोनीपत और पानीपत की कई मंडियों में किसानों को फसल बेचने में दिक्कत हो रही है.

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गेहूं की आवक बढ़ी, लेकिन धीमी उठान से हरियाणा की इन मंडियों में दिक्कतगेहूं की आवक बढ़ी

दो दिनों की बारिश के बाद हरियाणा के पानीपत और सोनीपत की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक में तेजी आई है. लेकिन खरीद एजेंसियों द्वारा धीमी उठान के कारण मंडियों में गेहूं का ढेर लग गया है. वहीं, सोनीपत जिले में शनिवार शाम तक 24 अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों पर 76,567 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. हालांकि, उसमें से अभी तक केवल 17,701 मीट्रिक टन यानी आवक के 23 फीसदी का ही उठान हो पाया है. बता दें कि गेहूं खरीद में, खाद्य और आपूर्ति, हरियाणा वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (एचडब्ल्यूसी), हैफेड और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) जैसी चार एजेंसियां शामिल हैं.

मंडियों में सिर्फ इतनी हुई उठान

खरीद के आंकड़ों के अनुसार खाद्य और आपूर्ति विभाग ने 31,578 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 10,131 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है, जबकि हैफेड ने 29,995 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 2,939 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है. इसी तरह एचडब्ल्यूसी ने 13,321 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से 2,908 मीट्रिक टन का उठाव हो चुका है और एफसीआई ने 1,673 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है.

मंडी में जगह की कमी से चिंता

वहीं, पानीपत जिले में 9.30 लाख क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी है, जिसमें से 7.33 लाख क्विंटल की खरीद हो चुकी है. लेकिन अब तक केवल 1.17 लाख क्विंटल यानी खरीद का मात्र 16.03 फीसदी का ही उठाव हुआ है, जिससे मंडी में जगह की कमी की चिंता पैदा हो गई है.

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धीमी उठान के कारण बढ़ी दिक्कतें

सोनीपत आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन संजय वर्मा ने कहा कि गेहूं की आवक तेजी से बढ़ रही है और मंडियों में भीड़ भाड़ बढ़ने लगी है. किसान आग या मौसम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए अपनी उपज बेचने की जल्दी कर रहे हैं, लेकिन धीमी उठान के कारण बड़ी दिक्कतें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि एफसीआई गोदामों द्वारा ट्रकों को अधिक समय तक खारिज किए जाने से एक नई समस्या सामने आई है.

वर्मा ने कहा कि सरकार 12 फीसदी नमी पर गेहूं स्वीकार कर रही है, लेकिन एफसीआई के अधिकारी ट्रकों को यह कहकर वापस कर रहे हैं कि नमी 10 फीसदी होनी चाहिए और अनाज साफ होना चाहिए. जो नियम के खिलाफ और अनुचित है. बता दें कि लिफ्टिंग में देरी से किसानों को भुगतान में भी देरी हो रही है, क्योंकि सरकारी भुगतान तभी जारी किया जाता है जब फसल मंडियों से निकल जाती है.

आने वाले दिनों में सुधारेगी स्थिति 

समालखा अनाज मंडी के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि उठान की गति बहुत धीमी है. 2.55 लाख क्विंटल खरीदे गए अनाज में से केवल 34,150 क्विंटल का ही उठान हुआ है. साथ ही पानीपत अनाज मंडी के अध्यक्ष दिनेश भोकर ने कहा कि गेहूं की आवक बढ़ गई है और उठान शुरू हो गया है, लेकिन गति अभी भी धीमी है. हालांकि हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा. 

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