भारत में गेहूं की सरकारी खरीद जोर-शोर से जारी है. 15 मार्च से ही राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गेहूं की खरीद शुरू हो गई थी. वहीं कुछ राज्यों जैसे पंजाब और बिहार में एक अप्रैल से इसकी शुरुआत हुई थी. एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो अब तक गेहूं खरीद के सारे रिकॉर्ड्स टूट गए हैं. माना जा रहा है कि इससे आने वाले समय में कीमतों पर भी कुछ असर पड़ सकता है. वहीं कुछ विशेषज्ञ आंकड़ों को सकारात्मक भी करार दे रहे हैं.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 15 मार्च से अब तक किसानों से 20.08 लाख मीट्रिक टन नए सीजन का गेहूं खरीदा जा चुका है. यह पिछले साल से 44.4 फीसदी ज्यादा है. इस खरीद के साथ ही फसल अच्छी होने के भी संकेत मिल रहे हैं जिससे भारत को अपने घटते भंडार को भरने और आयात से बचने में मदद मिलेगी. सरकार समर्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने मुख्य तौर पर मध्य प्रदेश से गेहूं की शुरुआती किस्मों की खरीद की है.
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एफसीआई की गेहूं खरीद अवधि की शुरुआत अच्छी रही है और माना जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है. तब हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों से फसलें बाजार में आनी शुरू हो जाएंगी. सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एफसीआई की गेहूं खरीद का शुरुआती रुझान इस साल गेहूं की अच्छी फसल का संकेत देता है. सूत्रों की मानें तो इस साल फसल और एफसीआई की खरीद दोनों ही संतोषजनक रहने की उम्मीद है.
सूत्रों की मानें तो सरकार ने 2025-26 रबी विपणन सत्र के लिए 310 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है. जबकि अप्रैल से शुरू हुए 2025-26 रबी विपणन सत्र के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. नई दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय ट्रेड हाउस से जुड़े एक डीलर ने कहा, 'किसानों को सरकार से बेहतर कीमत मिल रही है क्योंकि मध्य प्रदेश उन्हें केंद्र की तरफ से एमएसपी के अलावा बोनस भी दे रहा है.' भारत ने किसानों से खरीदे गए गेहूं के लिए 2,425 रुपये (27.98 डॉलर) प्रति क्विंटल का खरीद मूल्य तय किया है. मध्य प्रदेश में तो 175 रुपये प्रति क्विंटल एक्स्ट्रा बोनस भी किसानों को मिल रहा है.
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पिछले साल एफसीआई ने 30 से 32 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था लेकिन राज्य भंडारक ने सिर्फ केवल 26.6 मिलियन टन की खरीद की थी जो खराब फसल का संकेत है.नतीजतन, इस साल की शुरुआत में भारतीय गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं. पिछले महीने, सरकार ने इस साल गेहूं उत्पादन का अनुमान 115.4 मिलियन टन लगाया था. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवनीत चितलांगिया के हवाले से एजेंसी ने कहा, 'फसल अभी आनी शुरू हुई है और पैदावार और कुल उत्पादन दोनों के मामले में फसल काफी अच्छी दिख रही है.'
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