उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में किसानों ने इस बार गेहूं की बंपर बुवाई की है. इसके चलते इस रबी सीजन में गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले अधिक हो गया है. ऐसे में केंद्र सरकार की भी उम्मीद जग गई है. उसे लग रहा है कि वह 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के लक्ष्य को हासिल कर सकती है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि यदि मौसम ने साथ दिया, तो इस बार गेहूं की रिकॉर्ड उत्पादन होगा. इससे महंगाई पर भी ब्रेक लग सकता है.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 जनवरी तक देश में गेहूं का रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर था, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आकड़ा 335.67 लाख हेक्टेयर था. खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में किसानों ने इस बार 4.4 प्रतिशत अधिक रकबे में गेहूं की बुवाई की है. यहां पर किसानों ने 101.41 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया है, जबकि पिछले साल यह आकड़ा 97.12 लाख हेक्टेयर था. इससे राजस्थान और महाराष्ट्र में गेहूं के रकबे में आई गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली है. पंजाब और हरियाणा में रकबा पिछले साल के लगभग बराबर है.
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के दौरान सभी रबी फसलों के तहत बोया गया क्षेत्र 12 जनवरी तक 673.49 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 678.15 लाख हेक्टेयर से 0.7 प्रतिशत कम है. वहीं, सर्दियों में उगाई जाने वाली दालों का रकबा पिछले साल के 160.22 लाख हेक्टेयर की तुलना में 152.39 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो 5 प्रतिशत कम है. क्योंकि चना (चना) का रकबा 108.93 लाख हेक्टेयर से 6 प्रतिशत गिरकर 101.99 लाख हेक्टेयर पर आ गया है. लेकिन मसूर का रकबा 18.39 लाख हेक्टेयर से 6 प्रतिशत बढ़कर 19.45 लाख हेक्टेयर हो गया है.
ये भी पढ़ें- दलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने में जुटा नेफेड, सरकार ने 2027 तक रखा है आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य
मोटे अनाजों में बुआई क्षेत्र 49.5 लाख हेक्टेयर से 5 प्रतिशत अधिक बढ़कर 52.03 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. ज्वार और मक्का दोनों का रकबा 4 प्रतिशत बढ़कर क्रमशः 22.61 लाख हेक्टेयर और 20.51 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसी तरह जौ की बुआई भी एक साल पहले के 7.42 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 10 प्रतिशत बढ़कर 8.18 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है. अगर तिलहन की बात करें, तो सरसों के रकबे में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी आई है. इस साल किसानों ने 99.58 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई की है, जो 2022-23 की इसी अवधि में यह आंकड़ा 97.44 लाख हेक्टेयर था.
वहीं, सभी रबी तिलहनों का रकबा 108.52 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जो एक साल पहले 107.99 लाख हेक्टेयर था. मूंगफली का क्षेत्रफल 4.96 लाख हेक्टेयर से 19 प्रतिशत कम होकर 4.02 लाख हेक्टेयर पर आ गया. हालांकि मूंगफली एक खरीफ फसल है. यह सर्दियों के दौरान लगभग 7 लाख हेक्टेयर में भी उगाई जाती है. मुख्य रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में इसकी खेती होती है. धान का रकबा एक साल पहले के 24.76 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 23.6 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. तमिलनाडु में 11.46 लाख क्षेत्र में किसानों ने धान की बुवाई की है.
ये भी पढ़ें- Solar Energy : यूपी में किसानों को सिंचाई की बिजली के बिल से मिलेगा छुटकारा, निजी नलकूपों का किया जाएगा सोलराइजेशन
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today