
इस साल गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है. क्योंकि, अभी तक का मौसम इसकी खेती के लिए अनुकूल है. कुछ विशेषज्ञ हीटवेव की आशंका जाहिर कर रहे थे, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनी है. सरकार ने 2022-23 में 1121.82 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल से अधिक है. भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने कहा कि 23 मार्च तक स्थिति सामान्य है. वैज्ञानिकों के अनुसार 17 से 21 मार्च के दौरान उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान सहित उत्तरी मध्य प्रदेश के आस-पास के हिस्सों में हल्की से भारी बारिश, तेज हवा और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.
आईएमडी से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले सप्ताह में उत्तर भारत के अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 24.6 से 34.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.1 से 19.0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है, जो गेहूं और जौ के लिए अनुकूल है. किसानों को आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान को ध्यान में रखना होगा, क्योंकि हल्की से भारी बारिश की संभावना है, इसलिए इन दिनों में सिंचाई रोक दें. तेज हवा के मौसम की स्थिति में भी, गिरने से बचने के लिए सिंचाई बंद कर देनी चाहिए अन्यथा उपज में कमी हो सकती है.
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वैज्ञानिकों ने कहा कि बारिश की संभावना के कारण किसानों से अनुरोध है कि चेपा (एफिड) या रतुआ का प्रकोप होने पर भी किसी भी रसायन का छिड़काव न करें, क्योंकि बारिश से चेपा धुल जाएगा. पूसा के वैज्ञानिकों का भी कहना है कि गेहूं की फसल को अभी तक मौसम से कोई दिक्कत नहीं है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार रबी फसल सीजन 2021-22 में 341.84 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी, जबकि 2022-23 में 343.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया है. यानी पिछले साल के मुकाबले 1.39 लाख हेक्टेयर एरिया अधिक है. इसलिए उत्पादन घटने का सवाल नहीं है.
इस साल ज्यादातर किसानों ने गेहूं की अगेती बुवाई की थी. यही नहीं गर्मी सहनशील किस्मों की बुवाई ज्यादा हुई थी. वर्तमान रबी सीजन के दौरान 30 दिसंबर 2022 तक पिछले साल यानी 2021 के मुकाबले 11.29 लाख हेक्टेयर अधिक बुवाई हो चुकी थी. जबकि 25 नवंबर 2022 तक पिछले साल के मुकाबले 14.53 लाख हेक्टेयर में अधिक बुवाई हो चुकी थी. वैज्ञानिक यह संदेश देने कामयाब रहे थे कि अगेती बुवाई से फायदा होगा. इसलिए एक-दो सप्ताह तक असामान्य तापमान से गेहूं की खेती पर कोई खास असर नहीं पड़ा.
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