उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश से खरीफ सीजन की कुछ फसलों को नुकसान पहुंच रहा है. जबकि, नदियों के उफान से कई इलाकों में खेत पानी में डूब गए है. यमुना नदी में पानी के उफान से औरैया, इटावा, जालौन और बागपत समेत कई जिलों में खेतों में पानी भर गया है. इससे फसलों के बर्बाद होने की चिंता किसानों को सता रही है.
औरैया जिले अजीतमल क्षेत्र की काफी गांव प्रभावित हो गए हैं. वहीं, यमुना का पानी बढ़ने से गोउहानी गांव का संपर्क मार्ग टूट गया है. साथ ही किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान हो रहा है. जहां जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया है. वहीं, ग्रामीणों किसानों से बातचीत का उनकी समस्याओं को सुना गया.
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यमुना का जल स्तर बड़ने से ग्रामीणों के चेहरों पर चिंता को लकीरें झलक रही है. जहां पानी खेतों में भरने से फसल बर्बाद हो रही है. प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की जा रही रास्ते में आने जाने के लिए नाव डलवाई गई है.वहीं, औरैया जिला अधिकारी इंद्र मणि त्रिपाठी जिला द्वारा राजस्व को टीमें लगा दी गई है. राशन भी वितरण करा दिया गया है. साथ ही खाने-पीने के लिए प्रशासन द्वारा सारी व्यवस्था करा ली गई है. आपदा से निपटने के लिए मेडिकल के लिए डॉक्टर्स की टीम्स भी लगी हुई हैं ताकि किसी तरह से कोई समस्या न होने पाए.
औरैया, इटावा, जालौन और बागपत समेत कई जिलों में खेतों में पानी भर गया है. दो दिन से लगातार हो रही बारिश किसानों के लिए आफत बनी हुई. यहां किसानों की मक्का की फसल काफी प्रभावित हो रही है. बारिश होने कारण किसानों के खेत में कटी पड़ी मक्का की फसल को नुकसान होने लगा है, जिससे किसान काफी चिंतित नजर आ रहा है. किसानों ने बताया कि बड़ी मुस्किल से फसल तैयार की गई थी, लेकिन बरसात होने के कारण खेत में कटी पड़ी मक्का की फसल भीगने के कारण काफी खराब हो जाएगी. वहीं, खेतों किसान अपनी फसल को देख काफी परेशान हो रहे किसानों का कहना है अगर बारिश बंद ना हुई तो काफी फसल बरवाद हो जाएगी.
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